IMF ने भारत की ताकत पर लगाई मु‍हर, कहा- दुनिया में कोई नहीं दे पाएगा टक्क‍र, पढ़ें पूरी खबर

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India’s GDP: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक बार फिर भारत की पीठ थपथपाई है. आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने कहा कि इस वक्‍त भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है. साथ ही देश की आर्थिक बुनियाद भी अच्‍छी है.

आईएमएफ अधिकारी ने एक अनुमान लगाते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्‍था में 7 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिसे ग्रामीण खपत में सुधार से समर्थन मिलेगा. जबकि खाद्य कीमतों के सामान्य होने से कुछ उतार-चढ़ाव के बाद भी वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 प्रतिशत रहने की संभावना है. वहीं, अन्‍य बुनियादी बातों के बारे में उन्‍होंने कहा कि चुनाव के बाद भी राजकोषीय समेकन पटरी पर है. इसके अलावा, ‘रिजर्व’ की स्थिति काफी अच्छी है और भारत के लिए सामान्य तौर पर वृहद बुनियादी बातें ठीक हैं

रोजगार सृजन पर भारत को जोर देना होगा 

वहीं, भारत को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद देश की सुधार संबंधी प्राथमिकताएं तीन क्षेत्रों में होनी चाहिए. जिसमें पहली तो यह कि भारत में रोजगार सृजन को लेकर कई सवाल खड़े हैं, ऐसे में मेरा मानना है कि 2019-20 में स्वीकृत श्रम संहिताओं को लागू करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए श्रम बाजारों को मजबूत बनाने का मौका देगी.

जबकि दूसरी बात, यदि आप प्रतिस्पर्धी बनना चाहते हैं, तो आपको कुछ व्यापार पाबंदियों को हटाना होगा, क्योंकि जब आप व्यापार को उदार बनाते हैं, तो आप उत्पादक कंपनियों को जीवित रहने की अनुमति देते हैं. ऐसे में वहां अधिक प्रतिस्पर्धा है और यह नौकरियां सृजन कर सकता है. इसीलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि अधिक व्यापार पाबंदियां हटाई जाएं.

भूमि सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना होगा

इसके अलावा अंत में श्रीनिवासन ने कहा कि वो सुधारों को जारी रखें. बुनियादी ढांचे को मजबूत करें, चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो, भौतिक बुनियादी ढांचा या डिजिटल. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह इसी के साथ जारी रहेगा. हालांकि इससे आगे बढ़कर आपको कृषि और भूमि सुधारों पर ध्‍यान देना होगा. साथ ही शिक्षा और कौशल को मजबूत करने के बारे में सोचना होगा.

श्रीनिवासन ने कार्यबल के कौशल में निवेश की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो सेवा क्षेत्र में काफी अधिक नौकरियों का सृजन कर सकती है. ऐसे में सही कौशल होना काफी महत्वपूर्ण है. इसलिए, शिक्षा में निवेश करना, श्रम बलों को कुशल बनाना बहुत आवश्‍यक है. उन्‍होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना एक और सुधार है.

बेरोजगारी चिंता का विषय 

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि कारोबारी माहौल में सुधार करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू होगा. ये कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें मैं प्राथमिकता दूंगा. इसके अलावा उन्‍होंने देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी तथा युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी पर भी चिंता जाहिर की. उन्‍होंने कहा कि इस मामले में कई आंकड़े मौजूद हैं, लेकिन हम सभी इस बात पर सहमत है कि श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी कम है और युवाओं में बेरोजगारी काफी अधिक है. ऐसे में रोजगार सृजन के लिए माहौल को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए.

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