चक्रवात ‘दाना’: रात सचिवालय में ही रहेंगी CM, हालात पर रखेंगी नजर

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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कोलकाताः गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के टकराने की संभावना है. इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार इस पर नजर हुए हैं. अधिकारियों के साथ बैठकें कर रही हैं. इस बीच, यह जानकारी मिल रही है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज रात नवान्न (सचिवालय) में अपने दफ्तर में ही रहेंगी और स्थिति पर नजर बनाए रखेंगी. उन्होंने बताया कि नवान्न में 24 घंटे हेल्पलाइन चालू रहेगी. नवान्न में हेल्पलाइन नंबर (033) 22143526 है. इसके साथ ही जिलों में भी हेल्पलाइन शुरू की गई है.

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मानव जीवन सबसे मूल्यवान है. लोगों की जान बचानी होगी. इसलिए स्कूलों को बंद किया गया है. मैं आज रात नवान्न में रहूंगी. आपदा प्रबंधन विभाग के सभी लोग काम करेंगे. सीएम ने बताया कि वह अपने दफ्तर से सभी कार्यों की निगरानी करेंगी. जो अधिकारी रात में नवान्न में रहेंगे, उनके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं.

नौ जिलों में स्कूल बंद
प्रशासन ने आपदा के आशंकाओं के मद्देनजर राज्य के 9 जिलों में सभी स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम में चक्रवात का प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए अग्रिम सुरक्षा के तौर पर 23 से 26 अक्टूबर तक राज्य के इन नौ जिलों के सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की गई है, जैसा कि सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही बताया था.

वर्तमान में चक्रवात सागर द्वीप से 270 किलोमीटर दूर है. गुरुवार की आधी रात से शुक्रवार सुबह के बीच चक्रवात टकरा सकता है. उससे पहले सीएम ममता बनर्जी स्थिति पर नजर रख रही हैं. ‘दाना’ के स्थलीय क्षेत्र में आने से पहले गुरुवार शाम को उन्होंने स्थिति की जानकारी साझा की.

बनाए गए हैं 851 कैंप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि आपदा के संभावित क्षेत्रों से 3,56,941 लोगों को पहचाना गया है. हालांकि, उनमें से सभी ने अभी तक सुरक्षित स्थान पर आश्रय नहीं लिया है. सीएम ने बताया कि अब तक 1,59,837 लोग सुरक्षित स्थान पर आश्रय ले चुके हैं. बाद में और अधिक लोगों के सुरक्षित स्थान पर आने की उम्मीद जताई गई है. आपदा प्रबंधन के लिए 851 कैंप चलाए जा रहे हैं. विभिन्न राहत शिविरों में 83,583 लोग आश्रय ले चुके हैं.

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