Iran-Israel war: गाजा में जब से युद्ध की शुरुआत हुई है तब से ही यमन के हूती विद्रोहियों ने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है. आए दिन वो लाल सागर में किसी किसी जहाज पर हमला कर रहे है, जिससे वहां से होने वाली सप्लाई चेन ठप हो गई. साथ ही इजरायल जाने वाले जहाजों को निशाना बनाने के कारण बीते एक साल में अरबों का नुकसान हुआ है. वहीं, अब लाल सागर में इन हमलों के पीछे रूस का हाथ होने का दावा किया जा रहा है.
दरअसल, एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने ईरानी बिचौलियों के माध्यम से यमन के हूती विद्रोहियों को सैटेलाइट इमेज मुहैया कराई है और इसी के वजह से वो लाल सागर में मिसाइल और ड्रोन से जहाजों पर सटीक निशाना लगाने में कामयाब रहे. रिपोर्ट में यह जानकारी इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति और दो अज्ञात यूरोपियन डिफेंस अधिकारियों के हवाले से दी गई है.
लाल सागर से सप्लाई बुरी तरह प्रभावित
इन हमलों के वजह से लाल सागर से सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है, हालांकि हूती विद्रोहियों को जवाब देने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने लाल सागर में नौसैनिक गठबंधन तैनात किया. साथ ही उनके ठिकानों पर बम भी बरसाए.
लाल सागर में हो चुके है 130 हमले
वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने जंग की शुरुआत से लेकर इस साल करीब 20 सितंबर के बीच लाल सागर में 130 हमले किए हैं, जिसमे ज्यादातर कमर्शियल जहाजों को निशाना गनाया गया है. वहीं, इन हमलों में अब तक चार लोगों की मौत भी हो चुकी है. इतना ही नहीं, पिछले साल नवंबर में विद्रोहियों ने फिल्मी अंदाज में एक जहाज को हाईजैक कर लिया था, जो अब तक उनके कब्जे में है. इसके अलावा, 2 जहाज लाल सागर में ही डूब गए.
मजबूत-ताकतवर दिखाने की कोशिश का रहा रूस
बता दें कि हूती यमन का विद्रोही गुट है, जिसका यमन के एक बड़े भू-भाग पर कब्जा है. उनके मुताबिक, ये हमले गाजा युद्ध में प्रताड़ित हो रहे फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता को दर्शाते हैं. अमेरिका की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब रूस में ब्रिक्स समिट का आयोजन किया गया. इसके जरिए रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को दिखाने की कोशिश की वह अब भी मजबूत और ताकतवर है.
अमेरिका ने रूस पर लगाऐ ये आरोप
हालांकि इससे पहले अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर यूक्रेन के साथ संघर्ष बढ़ाने का भी आरोप लगाते हुए कहा था कि नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की मदद के लिए अपने सैनिक भेजे हैं.
दरअसल, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चलते पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए और रूस को राजनीतिक और आर्थिक तौर पर अलग-थलग करने की कोशिश की गई. यही वजह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस अलगाव को खत्म करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.
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