India-Canada Row: कनाडा में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक रहे संजय वर्मा (Sanjay Verma) ने कनाडा पर जमकर निशाना साधा है. खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में संजय वर्मा ने कनाडा की तरफ से उन पर की गई टिप्पणी को ‘एक तरह से पीठ में छुरा घोंपने जैसा’ बताया है. इसके साथ ही संजय वर्मा ने कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों को शरण देने का आरोप भी लगाया है.
ये सबसे सबसे गैर-पेशेवर दृष्टिकोण- संजय
पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में संजय वर्मा ने कनाडा के इस चौंकाने वाले कदम को द्विपक्षीय संबंधों के प्रति सबसे गैर-पेशेवर दृष्टिकोण बताया. संजय वर्मा ने कहा, यह बहुत बुरा है. उन्होंने कहा, खालिस्तानी आतंकवादियों, चरमपंथियों को कनाडा की उदार कानूनी प्रणाली के कारण कनाडा में शरण मिली है. कनाडा में खालिस्तानी मानव तस्करी, बंदूक चलाने और जबरन वसूली में भी शामिल हैं. संजय वर्मा ने आगे कहा, कनाडा में सिखों में से केवल मुट्ठी भर, लगभग 10,000 लोग कट्टरपंथी खालिस्तानी हैं, जो खालिस्तान को एक व्यवसाय बना रहे हैं.
संजय वर्मा ने बताया पूरा घटनाक्रम
संजय वर्मा ने आगे बताया कि कनाडा सरकार ने कैसे उन्हें बुलाया और अपनी राजनयिक प्रतिरक्षा को त्यागने के लिए कहा, उनहोंने बताया, मैं टोरंटो की यात्रा पर था. मैं हवाई अड्डे पर बैठा था और मुझे कनाडा में वैश्विक मामलों के एक वार्ताकार, जो कनाडा में विदेश मंत्रालय है, से शाम को विदेश मंत्रालय आने का संदेश मिला. हालांकि, तब मैं उपलब्ध नहीं था, मैंने 12 (अक्टूबर) को वापस उड़ान भरने वाला था.
फिर 13 (अक्टूबर) को, वे सुबह मुझसे मिलने के लिए सहमत हुए. इसके बाद, मैं और मेरे उप उच्चायुक्त के बीच बातचीत के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मैं, पांच अन्य राजनयिकों और अधिकारियों के साथ, निज्जर की हत्या की जांच में ‘रुचि का व्यक्ति’ हूं और, इसलिए, मेरे राजनयिक प्रतिरक्षा के साथ-साथ मेरे सहयोगियों की राजनयिक प्रतिरक्षा को त्यागने का अनुरोध किया गया था, ताकि हमसे RCMP की तरफ से पूछताछ की जा सके जो कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस है, जो वहां की जांच एजेंसी भी है.