12 साल बाद एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस की मेजबानी कर रहा भारत, जर्मन चांसलर बोले- आर्थिक सफलता के लिए वास्तविक लोकतंत्र की जरूरत

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Asia Pacific Conference: जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने पीएम मोदी के साथ मिलकर नई दिल्ली में आयोजित 18वें एशिया-पैसेफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्‍होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के भारत दौरे पर खुशी जताई. पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत स्पेशल दिन है क्योंकि मेरे दोस्त ओलाफ शोल्ज चौथी बार भारत दौरे पर आए हैं. जर्मन चांसलर का दौरा भारत-जर्मनी के संबंधों पर उनके फोकस को दिखाता है.

बता दें कि 12 साल बाद भारत एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस की मेजबानी कर रहा है. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर जहां CEO फोरम की मीटिंग चल रही है, वहीं, दूसरी ओर दोनों देशों की नौसेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं, जो यह दर्शाता है कि हर स्तर पर भारत और जर्मनी के संबंध मजबूत हो रहे हैं.

भारत-जर्मनी की मजबूत पार्टनरशिप

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह भारत-जर्मनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का 25वां वर्ष है और आने वाले 25 वर्षो में हम इस पार्टनरशिप को नई बुलंदी देने वाले हैं. उन्‍होंने कहा कि हमने आने वाले 25 सालों में विकसित भारत का रोड मैप बनाया है, जिसके तहत विश्व की सशक्त डेमोक्रेसी के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं. जर्मनी ने भारत पर जो भरोसा जताया है वो अद्भुत है. पीएम ने कहा कि भारत और जर्मनी का द्विपक्षीय कारोबार 30 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया है, जो दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों को दर्शाता है.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र

वहीं, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इस कार्यक्रम केा संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक सफलता के लिए सच्चे, वास्तविक और समावेशी लोकतंत्र की आवश्‍यकता होती है. ऐसे में आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से मिल रहे हैं, जो दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.

रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत

उन्होंने कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, भारत एक ऐसा देश है, जो दुनिया के दिल में सबसे डायनामिक क्षेत्र- एशिया पैसिफिक में स्थित है. ऐसे में देखा जाए तो एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस सही समय पर सही स्थान पर आयोजित हो रही है.

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