Russia-Pakistan Relations: पाकिस्तान इस समय भारत के दोस्त रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा हुआ है. वहीं, रूस के उप रक्षामंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर वी. फोमिन की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय रूसी प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान यात्रा पर है.इस दौरान मंगलवार को रूसी उप रक्षा मंत्री ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात की. इसी बीच दोनों देशों ने सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया
रूसी शीर्ष सैन्य अधिकारियों का ये दौरा कजान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जहां पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा था क्योंकि रूस की मेजबानी में कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन 2024 पाकिस्तान को न्योता तक नहीं मिला था और इस सम्मेलन के कुछ दिनों बाद ही रूसी प्रतिनिधिमंडल का पाकिस्तान दौरा चर्चा का विषय बन गया है.
क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी हितों के मुद्दे पर की चर्चा
रूस-पाकिस्तान की इस बैठक पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर)’ ने एक बयान जारी कर कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के अगुवाई में रूस के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा औऱ आपसी हितों के मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया. साथ ही द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई है.’
वहीं, जनरल असीम मुनीर ने रूस के साथ अपने पारंपरिक रक्षा संबंधों को मजूबत करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया. जारी बयान में कहा गया कि इस बैठक में संयुक्त सैन्य अभ्यास और पीएएफ उपकरणों के लिए तकनीकी सहायता से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के नए तरीकों पर भी चर्चा की गई.
द्विपक्षीय बिजनेस में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी
बता दें कि हाल ही में रूस और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक रूप से आगे बढ़े हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच वार्षिक द्विपक्षीय बिजनेस में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जो कि 1 बिलियन डॉलर की अधिक हो गई है. वहीं, एक साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस आर्थिक संकट से घिरने लगा था.
नए सहयोगियों की तलाश में रूस
दरअसल, पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण आर्थिक संकट से घिरा रूस इस समस्या से निपटने के लिए अब नए सहयोगियों की तलाश में है. ऐसे में एक रूसी अधिकारी ने बताया कि पिछले साल रूसी कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर पहुंची. जबकि 2023 के अंत तक पाकिस्तानी को रूसी निर्यात में इसकी भागीदारी 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है.
हालांकि भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है और अभी तक रूस ने पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई रक्षा समझौता नहीं किया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन सके.
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