Kuber Temple in India: देश भर में आज दीपों का पर्व दिवाली मनाई जा रही है. प्रत्येक साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमास्या तिथि को दीवाली का पर्व मनाया जाता है. इस खास दिन में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के साथ कूबेर जी की पूजा की भी मान्याता है. शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि दिवाली त्योहार के 5 दिनों के दौरान लक्ष्मी-गणेश के साथ-साथ कुबेर और यम की पूजा होती है. इस बीच आज हम आपको देश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दीवाली के खास मौके पर असंख्य श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है. आइए आपको उन कुबेर मंदिरों के बारे में बताते हैं.
देवभूमि का कुबेर मंदिर
भगवान कुबेर का एक मंदिर देवभूमि उत्तराखंड में है. यह कुबेर मंदिर अल्मोड़ से करीब 40 किलोमीटर दूर है. आपको जानना चाहिए कि ये मंदिर जागेश्वर धाम के अंदर आता है. प्रतिवर्ष इस मंदिर में धनतेरस और दीवाली के दिन लाखों लोगों की भीड़ जुटती है. मान्यता है कि जो भी भक्त इन मंदिरों में दर्शन के लिए आता है वह कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है.
गुजरात में कुबेर का मंदिर
गुजरात राज्य के वडोदरा से 60 किलोमीटर दूर एक कुबेर का मंदिर स्थापित है जो काफी मशहूर है. मान्यता है कि वडोदरा का ये कुबेर भंडारी मंदिर 2500 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह कुबेर का मंदिर नर्मदा नदी के किनारे मौजूद है. यहां पर भी धनतेरस और दीवाली के दिन लोगों की खूब भीड़ लगती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां जो भी आता है वह खाली हाथ नहींं लौटता है. दिवाली वाले दिन इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है.
एमपी में भी है कुबेर का मंदिर
मध्य प्रदेश में भगवान कुबेर के कुल 3 मंदिर स्थित है. तीनों मंदिर मंदसौर, उज्जैन और खंडवा में हैं, लेकिन इन तीनों में से सबसे ज्यादा लोग खंडवा के कुबेर मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर ओंकारेश्वर में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि खंडवा के कुबेर मंदिर में सिर्फ दर्शन मात्र से ही परेशानियां दूर हो जाती हैं.
(Disclailer: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मीडिया रिपोर्ट्स पर लिखी गई है. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)