Iraq Parliament Speaker: ईरान ने एक ऐसी चाल चली है जिससे अमेरिका के लिए मुश्किलें पैदा हो गई है. इराक में करीब एक साल से खाली चल रहे संसद अध्यक्ष के पद पर गुरुवार को नियुक्ति कर दी गई. सुन्नी नेता महमूद अल-मशहदानी एक बार फिर से इराकी संसद के नए स्पीकर होंगे. इससे पहले मशहदानी ने 2006 से 2009 तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थी.
मशहदानी की नियुक्ति अमेरिका के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि वह ईरान के बेहद करीबी हैं. महमूद अल मशहदानी को संसद में उपस्थित 269 में से 182 सांसदों के वोट से चुना गया. इराक के राजनीतिक दलों के बीच कई महीनों से जारी गतिरोध के बाद यह आश्चर्यजनक फैसला लिया गया.
ईरान के करीबी नेता को चुना स्पीकर
लेबनान के जैसे ही इराक में भी सत्ता की ताकत को विकेंद्रित करने के लिए अलग-अलग समुदायों के लिए पद आरक्षित हैं. इराक में स्पीकर का पद सुन्नी नेता के लिए, पीएम का पद शिया और राष्ट्रपति का पद कुर्द समुदाय के लिए निर्धारित रखा गया है. ऐसे में नया स्पीकर सुन्नी समुदाय का ही चुना जाना था, लेकिन इराकी संसद ने मशहदानी को चुना जो सुन्नी नेता के साथ ही ईरान के करीबी हैं.
संसद में स्पीकर की भूमिका अहम
संसद में स्पीकर का पद का महत्वपूर्ण होता है. इराक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और आंतरिक विभाजन का भी सामना कर रहा है. ईरान समर्थक शिया राजनीतिक गुट और पूर्व स्पीकर हलबौसी के करीबी सुन्नी गुट के विधायकों ने स्पीकर के लिए अल-मशहदानी पर समझौता किया है. जाहिर तौर पर ऐसा इस उम्मीद से किया गया है कि वह राजनीतिक समूहों के बीच आम सहमति बना सकेंगे.
इराक में और मजबूत हुआ ईरान
नए संसद अध्यक्ष का चुनाव ऐसे वक्त में किया गया है जब इराक बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. उनमें से मुख्य, मीडिल ईस्ट में युद्धों के नतीजों को नेविगेट करने और ईरान और अमेरिका के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने का प्रयास करना, जो क्षेत्रीय संघर्ष में विरोधी दलों का समर्थन कर रहे हैं.
वहीं ईरान के करीबी राजनीतिक गुटों और विद्रोही गुटों के पास इराक में महत्वपूर्ण शक्ति है. ये विद्रोही गुट नियमित रूप से इराक और सीरिया में अमेरिकी सैन्य बेस पर ड्रोन हमले करते हैं. यह गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग का बदला है, क्योंकि इस युद्ध में वॉशिंगटन, इजराइल का खुला समर्थन करता रहा है. हाल के महीनों में उन्होंने सीधे इजराइल में साइटों पर भी हमला किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व स्पीकर को किया था बर्खास्त
इससे पहले नवंबर 2023 में पूर्व स्पीकर मोहम्मद अल-हलबौसी को इराक की सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटा दिया था क्योंकि उन पर एक लॉ-मेकर लैथ अल-दुलामी ने एक मामला दर्ज कराया था. दुलामी ने हलबूसी पर इस्तीफे में नकली हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले का आधार बताए बिना हलबौसी और दुलामी दोनों को ही पद से बर्खास्त कर दिया. अब एक साल बाद सुन्नी नेता महमूद अल-मशहदानी को इस पद पर नियुक्ति दी गई है.
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