कोरोना के बाद अब दुनिया पर मंडरा रहा सुपरबग का खतरा, 80 साल पुराने एंटीबायोटिक से निकलेगा सामाधान

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Antibiotic Streptothricin: कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद अब दुनियाभर में सुपरबग का खतरा मंडरा रहा है. इसका खुलासा लैंसेट की स्टडी द्वारा की गई है. कहा जा रहा है कि साल 2050 तक सुपरबग्स से तकरीबन 40 मिलियन यानी 4 करोड़ लोगों की मौतें हो सकती हैं.

बता दें कि सुपरबग एक जर्म्स है, माइक्रोबियल स्ट्रेन हैं, जिसमें इंसानों और जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल और दुरुपयोग की वजह से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अब सवाल ये है कि कोरोना के बाद अब इस सुपरबग्स से लडने के लिए दुनियाभर में कितनी तैयारी है.

सुपरबग्स से लड़ सकती है स्ट्रेप्टोथ्रीसिन

दरअसल, शोधकर्ता एक बार फिर से एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोथ्रीसिन की जांच कर रहे हैं. स्ट्रेप्टोथ्रीसिन (Streptothricin) को 80 साल से भी पहले बनाया गया था. ऐसे में शोधकर्ता इस बात का पता लगाने में जुटें हुए है कि क्या यह एंटीबायोटिक सुपरबग्स से लड़ने के लिए प्रभावी है या नहीं. हालांकि एंटीबायोटिक को अब नया नाम नूर्सोथ्रिसिन दिया गया है.

शोधकर्ताओं ने स्ट्रेप्टोथ्रीसिन पर लगाई रोक

अब तक शोधकर्ताओं ने स्ट्रेप्टोथ्रीसिन के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है. उनको इस बात कर डर है कि इसके इस्‍तेमाल से किडनी संबंधी बीमारियां हो सकती है. ऐसे में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पैथोलॉजिस्ट जेम्स किर्बी और उनके सहयोगी ने स्ट्रेप्टोथ्रीसिन की फिर से जांच करने और उसके उपयोग करने की वकालत की है.

इसे भी पढें:-Asian Buddhist Summit: दिल्ली में हो रहा पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन, समकालीन चुनौतियों को हल करना है मकसद

Latest News

अब युवाओं के हाथों में भारत का भविष्य, बोले डॉ. राजेश्वर सिंह- ‘भारत को 2047 तक 15 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी… ‘

Thoughts Of Dr Rajeshwar Singh: बीजेपी के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) युवाओं...

More Articles Like This