Israel: धार्मिक कामों में लीन यहूदियों को भी सेना में भर्ती करेगा इजरायल, जानिए क्या है वजह

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ultra-Orthodox Community: एक वर्ष से भी अधिक समय से जारी गाजा युद्ध इजरायल को हर एंगल प्रभावित कर रहा है. इस जंग की वजह से ही वहां की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई है. साथ ही पर्यटन और पोर्ट व्यापार भी पूरी तरह ठप पड़े हुए है. इतना ही नहीं, इजरायल को लेबनान-गाजा में अमानवीय कार्रवाई करने के चलते अंतरराष्ट्रीय विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि अब देश और धार्मिक कानूनों में बदलाव करने के बोर में सोच विचार किया जा रहा है.

दरअसल, इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने देश के अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को सेना सेवा में दी जाने वाली छूट को समाप्त कर दिया. साथ ही इस समुदाय के लिए 7 हजार नए आर्मी ड्राफ्ट ऑर्डर जारी किया गया है. यह कदम जून में इजरायली सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उठाया गया है.

अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स ने कोर्ट के फैसले का किया विरोध

बता दें कि जून में कोर्ट ने कहा था कि अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को सेना में मिलने वाली छूट नहीं दी जा सकती है. हालांकि एस वक्‍त आदालत के इस फैसले को लेकर अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स ने इजरायल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किए थे.

कौन हैं अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स?

अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स यहूदियों को हिब्रू में हरेदीम कहा जाता है, जो इजराइल की सबसे अधिक धार्मिक समुदाय है. ये लोग धार्मिक शिक्षा में लीन रहते हैं और सख्त जीवन शैली का पालन करते हैं. इजराइल में इनकी अपनी एक राजनीतिक पार्टी भी है, जिसे शास कहा जाता है.

अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स अधिकतर जायोनी विचारधारा के विरोधी हैं और फिलिस्तीन के लोगों के लिए नरम रुख रखने के साथ ही उनका समर्थन भी करते हैं दरअसल, जायोनी विचारधारा एक कट्टर विचारधारा है, जो अरबों के विनाश और कई अरब देशों की जमीन पर ग्रेटर इजराइल बनाने की बात करती है.

अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स की सेना में भर्ती क्यों नहीं?

इजरायली सेना में कुछ साल काम करना वहां के प्रत्‍येक नागरिक के लिए अनिवार्य है. ऐसे में वहां कानून के हिसाब से देश को जरूरत पड़ने पर किसी भी समय वहां के लोगों को सेना में भर्ती कर लिया जाता है. मगर अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को 1948 में इजराइल के गठन बाद से ही इसमें छूट दी गई थी. ये छूट उनको धार्मिक पढ़ाई और धार्मिक कामों के वजह से दी गई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इजरायल का नया आदेश देश के करीब 66,000 अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को प्रभावित करेगा, जिन्हें सैन्य सेवा में अब तक छूट मिल रही थी.

क्यों की गई छूट समाप्त?

इजरायल के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस वक्‍त गाजा युद्ध के चलते देश की सेनाओं में कमी महसूस की जा रही है. साथ ही सुरक्षा चुनौतियों और वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. रक्षा मंत्री गैलेंट ने अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स के छूट समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि युद्ध और इसके साथ आने वाली चुनौतियां की वजह से सैनिकों की संख्या बढ़ाने की आवश्‍यकता है.

इसे भी पढें:-खालिस्तानी आतंकियों का अड्डा बना कनाडा, अब तक 217 खालिस्तानियों को दे चुका है पनाह

Latest News

Manipur Violence: जेपी नड्डा ने खरगे को लिखा पत्र, कहा- ’90 के दशक में लिए गए गलत फैसलों को..’

Manipur Violence: इस साल की शुरुआत में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मणिपुर में हिंसा के मुद्दे को...

More Articles Like This