Jaishankar: खालिस्तानियों द्वारा कनाडा में हिंदू मंदिर और हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. इसी कड़ी में अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है. कनाडा में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले की यह घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और कनाडा के संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं और इस घटना ने संबंधों में और खटास ला दी है. हालांकि, घटना को लेकर कनाडा सरकार दबाव में है और खुद पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी इसकी आलोचना की है.
‘हमारे संकल्पों को कमजोर नहीं कर सकती हिंसा’
मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह घटना एक तरह से कनाडा में चरमपंथी ताकतों को दी जा रही ‘राजनीतिक पनाह’ की ओर इशारा करता है. कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कनाडा की घटना को लेकर सवाल किए.
इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि ‘आपने इस मामले में हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान देखा होगा और फिर हमारे प्रधानमंत्री द्वारा चिंता व्यक्त की गई. मैं तीन टिप्पणियां करना चाहता हूं, एक, कनाडा ने बिना कोई विशेष जानकारी दिए आरोप लगाने का एक पैटर्न विकसित कर लिया है. दूसरा, जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमारे लिए यह तथ्य कि…हमारे राजनयिकों पर नजर रखी जा रही है, ये कुछ ऐसा है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है. तीसरा, मुझे लगता है कि यह घटना बताती है कि वहां (कनाडा) चरमपंथी ताकतों को राजनीतिक पनाह दी जा रही है.’ मालूम हो कि विदेश मंत्री 3 से 7 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
पीएम मोदी ने भी की थी घटना की आलोचना
सोशल मीडिया मंच एक्स पर सोमवार को साझा किए गए एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा की घटना पर कहा, ‘मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह हैं. हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे. हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की अपेक्षा करते हैं.’
हिंदू मंदिर पर हुआ था हमला
मालूम हो कि बीते सोमवार को कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में कॉन्सुलेट कैंप का आयोजन किया था. इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने हाथ में खालिस्तानी झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन किया था और कैंप में मौजूद भारतीयों पर हमला किया और उन्हें मारा-पीटा. सोशल मीडिया पर मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खालिस्तान समर्थक भारतीयों पर हमला करते नजर आ रहे हैं. इस घटना के बाद कनाडा में रह रहे हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की. कनाडा के नेता विपक्ष ने भी घटना की आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया. वहीं पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही.
इससे पहले सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि, ‘भारत चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करता है और उम्मीद करता है कि हिंसा में शामिल लोगों पर ‘मुकदमा चलाया जाएगा’. हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए.’