America-Iran: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. अमेरिका में हो रहे इस बदलाव का प्रभाव अभी से ईरान पर पड़ता हुआ नजर आने लगा है. दरअसल, ईरान के लिए अमेरिका में ट्रंप की वापसी को अच्छा नहीं माना जा रहा है, यही वजह है कि वहां की करेंसी अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.
बता दें कि ट्रंप को इजरायल के कट्टर समर्थक माना जाता हैं. ऐसे में अमेरिका में उनके कुर्सी संभालने से पहले ही ईरान के बुरे दिन शुरू हो गए हैं. ईरान की मुद्रा रियाल बुधवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, 2015 में जहां ईरानी रियाल एक डॉलर के मुकाबले 32,000 रियाल थी. वहीं, हाल ही में आए नतीजों के बाद ये अपने सबसे निचले स्तर 703,000 रियाल पर पहुंच गई है.
Iran’s rial weakened to a record low against the dollar, having lost about 27% of its value this year.
Shares on the Tehran Stock Exchange have also fallen in recent days, according to reports by state media.https://t.co/SApah0DDhq via @golnarM pic.twitter.com/Boy2IbxY3e— Stuart Wallace (@StuartLWallace) November 5, 2024
ट्रंप ने तोड़ा था परमाणु समझौता
डोनाल्ड ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं. ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौता किया था, लेकिन ट्रंप ने साल 2018 में उस परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाला और ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए, जिससे ईरान की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई थी.
पड़े मध्य पूर्व जंग पर क्या होगा प्रभाव
हालांकि मौजूदा समय में अमेरिका का सबसे खास सहयोगी इजरायल गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह से लड़ रहा है, जिसमें अमेरिका उसकी मदद कर रहा है, वहीं क्षेत्र की मिलिशिया को ईरान का समर्थन प्राप्त है. वैसे तो डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान इस जंग को रुकवाने का वादा किया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद इजराइल और बेलगाम हो सकता है. जिससे मध्य पूर्व में तबाही मच सकती है.
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