US News: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना पहला संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि जनवरी में सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरण किया जाएगा. इसके लिए जो बाइडेन ने अपने संबोधन के दौरान आश्वासन दिया.
जो बाइडेन ने कहा कि चुनावी हार का मतलब ये नहीं है कि डेमोक्रेटिक पार्टी आंदोलन हार गया है. देश के नाम अपने पहले संबोधन में जो बाइडेन ने जनता के फैसले को सर्वोपरि बताया. 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हरा दिया. चुनाव में जीत हासिल करने के बाद वो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हुए है.
लोग अपने पसंदीदा नेता को चुनने के हकदार…
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका के लोग अपने पसंदीदा नेता को चुनने के हकदार हैं. उन्होने यह भी कहा कि डेमोक्रेटिक समर्थकों को अपना आंदोलन जारी रखना चाहिए. जो बाइडेन बोले कि मैं जानता हूं कि कुछ लोगों के लिए यह जीत का वक्त है और दूसरे लोगों के लिए हार का, लेकिन हमेशा हार और जीत रुकी नहीं होती है.
असफलताओं के बाद हार नहीं माननी चाहिए
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि असफलताओं के बाद हार मान लेना सही नहीं है. अपने पिता की बात को याद करते हुए बाइडेन ने कहा कि हम सभी गिरते हैं. लेकिन, जैसा कि मेरे पिताजी कहा करते थे, हमारा व्यक्तित्व इससे निर्धारित होता है कि हम कितनी जल्दी उठ खड़े होते हैं? याद रखें, हार का मतलब ये यह नहीं है कि हम हार गए हैं. भले ही हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए हों, लेकिन हम हारे नहीं हैं. अमेरिका के लोगों को उत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि आपके सपनों का अमेरिका आपको बुला रहा है और आपको ऊपर उठने के लिए कह रहा है.
लोगों की इच्छा हमेशा सबसे ऊपर
जो बाइडेन ने चुनावी नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र में लोगों की इच्छा हमेशा सबसे ऊपर होती है. मेरा मानना है कि वोट किसे देना है ये व्यक्तिगत पसंद है. लेकिन, आपको एक-दूसरे को विरोधी के तौर पर नहीं, बल्कि साथी अमेरिकी के तौर पर देखना चाहिए. राष्ट्रपति ने ये टिप्पणियां ऐसे वक्त में की हैं, जब, राष्ट्रपति पद के चुनाव के कड़े मुकाबले के नतीजे आने के बाद अमेरिका दो ग्रुप में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है. दो सौ से ज्यादा सालों से अमेरिका ने विश्व के इतिहास में स्वशासन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया है.
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