नई दिल्लीः सोमवार (11 नवंबर) को जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने देश के 51वें सीजेआई के तौर पर शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में संजीव खन्ना ने शपथ ली. इस दौरान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
#WATCH | Delhi: President Droupadi Murmu administers the oath of Office of the Chief Justice of India to Sanjiv Khanna at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/tJmJ1U3DXv
— ANI (@ANI) November 11, 2024
जस्टिस खन्ना इन ऐतिहासिक फैसलों का रह चुके हैं हिस्सा
चुनाव में ईवीएम की उपयोगिता बनाए रखना, चुनावी बांड योजना को खारिज करना, अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के फैसले को कायम रखना और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान करने का फैसले देने वाले बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे.
जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से ही की है. उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना थे, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
वर्ष 1983 में वो दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकित हुए. शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली के उच्च न्यायालय और संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता जैसे विविध क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की. वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानूनों पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है.
18 जनवरी 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया. उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला. वह वर्तमान में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं. संजीव खन्ना 13 मई 2025 तक सीजेआई के पद पर रहेंगे.