Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनको बांग्लादेश वापस लाने के लिए इंटरपोल से रेड नोटिस जारी कराने की तैयारी है. इसको लेकर बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद मोइनुल इस्लाम को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों को इंटरपोल से रेड नोटिस जारी कराने के लिए पहल करें.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानून मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने रविवार को कहा था कि शेख हसीना और उनके सहयोगियों को इंटरपोल के जरिए बहुत जल्द रेड नोटिस जारी किया जाएगा. चाहे ये फासीवादी लोग दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा.
अंतरिम सरकार ने कहा…
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए. इस मामले में हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपराध और नरसंहार की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं.
यह होता है रेड नोटिस
अधिकारियों ने कहा कि रेड नोटिस कोई अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है, बल्कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या ऐसी कानूनी कार्रवाई से भाग रहे व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें.
न्यायाधिकरण का गठन किया था शेख हसीना की सरकार ने
बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का गठन शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने मार्च 2010 में किया था. इसका उद्देश्य 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के अपराधियों पर मुकदमा चलाना था. इसके बाद आईसीटी-2 का गठन किया गया. दोनों न्यायाधिकरणों के फैसले के बाद जमात ए इस्लामी के छह और हसीना की प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की बीएनपी पार्टी के नेताओं को फांसी दी गई थी.
जून के मध्य में जब न्यायाधिकरण के चेयरमैन सेवानिवृत्त हो गए तो इसने काम करना बंद कर दिया. 12 अक्तूबर को न्यायाधिकरण का पुनर्गठन अंतरिम सरकार ने किया था. 17 अक्तूबर को न्यायाधिकरण ने हसीना और 45 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. इसमें उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय और उनके कई पूर्व कैबिनेट सदस्य शामिल हैं.