New Zealand Parliament: न्यूजीलैंड की संसद में गुरूवार को काफी हैरान करने वाला मंजर देखने को मिला. दरअसल, हमेशा चर्चाओं में बनी न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की माओरी सांसद हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क ने सदन में स्वदेशी संधि विधेयक के विरोध में उत्साहपूर्ण हाका नृत्य करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने स्वदेशी संधि विधेयक की एक कॉपी भी फाड़ दी. वहीं, अब इसका वीडियों काफी वायरल हो रहा है.
संसद का सदन सत्र करना पड़ा स्थगित
बता दें कि गुरुवार को न्यूजीलैंड के संसद के सदन में सभी सांसद संधि सिद्धांत विधेयक पर मतदान करने के लिए जुटे थे. इसी बीच 22 वर्षीय ते-पाटी माओरी सांसद ने सत्र के दौरान बोलना शुरू किया और बोलते-बोलते ही उन्होंने विधेयक की एक कॉपी फाड़ दी और पारंपरिक माओरी नृत्य हाका को करने लगीं. देखते ही देखते सदन के अन्य सदस्य और गैलरी में बैठे दर्शक भी हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क के साथ हाका डांस में शामिल हो गए, जिसके चलते स्पीकर गेरी ब्राउनली ने सदन के सत्र को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया.
The youngest member of New Zealand’s parliament, Māori Party MP Hana-Rawhiti Kareariki Maipi-Clarke, started a haka to protest the first vote on a contentious bill that would reinterpret a 184-year-old treaty between the British and Indigenous Maori.
The parliament was briefly… pic.twitter.com/ik8hreIpAM
— Gulf Daily News (@GDNonline) November 14, 2024
क्यों इस विधेयक का हो रहा विरोध
विवादास्पद संधि सिद्धांत विधेयक को बहुत कम समर्थन मिला है, जिससे इसके कानून बनने की संभावना काफी कम है. ऐसे में आलोचकों का मानना है कि यह नस्लीय विवाद और संवैधानिक उथल-पुथल की धमकी देता है, वहीं, हजारों न्यूजीलैंडवासी इस सप्ताह इसका विरोध करने के लिए देश भर में यात्रा कर रहे हैं.
कौन हैं हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क?
हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क न्यूजीलैंड की 22 वर्षीय (सबसे कम उम्र की) सांसद हैं, जो संसद में ते पाटी माओरी का प्रतिनिधित्व करती हैं. मैपी-क्लार्क ने 2023 में न्यूजीलैंड के चुनावों में चुने जाने के बाद अपने पहले भाषण के दौरान संसद में पारंपरिक हाका का प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी. इसके अलावा, ये प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और उनकी रूढ़िवादी सरकार की मुखर आलोचक रही हैं, जिस पर माओरी अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया गया है.
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