Antique Curiosities: अमेरिका के मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन एल. ब्रैग जूनियर ने एक बयान जारी कर कहा है कि 1,440 प्राचीन धरोहर भारत को लौटाए जाएंगे, जिनकी कीमत कम से कम 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. उन्होंने कहा कि देश में आपराधिक तस्करी नेटवर्क में चल रही कई जांचों के तहत इस धरोहरों को बरामद किया गया. तस्कर सुभाष कपूर और दोषी तस्कर नैन्सी वीनर से बरामद धरोहरों को भारत के महावाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हारी और होमलैंड के समूह पर्यवेक्षक एलेक्जेंड्रा डीअर्मास के साथ एक समारोह में लौटाया गया.
इन प्राचीन धरोहरों में मध्य प्रदेश की मूर्ति भी शामिल
ब्रैग ने अपने बयान में भारत के लोगों को सामूहित रूप से 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की कम से कम 1,440 प्राचीन धरोहरों को लौटाने की घोषणा करते हुए कहा कि हम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाने वाले कई तस्करी नेटवर्कों की जांच करना जारी रखेंगे. बता दें कि इन प्राचीन धरोहरों में मध्य प्रदेश के एक मंदिर से लूटी गई एक दिव्य नर्तकी को दर्शाती बलुआ पत्थर की मूर्ति, हरे-भूरे रंग की शिस्ट से बनाई गई तनेसर मातृ देवी और राजस्थान के तनेसरा-महादेव गांव से लूटी गई मूर्ति शामिल है.
230 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धरोहर बरामद
उन्होंने बताया कि कार्यकाल में डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की तस्करी इकाई ने 30 से अधिक देशों से चुराई गई 2,100 से अधिक प्राचीन धरोहरों को बरामद किया. इसकी कुल कीमत करीब 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर बताई गई है. वहीं, भारत करे भारत की, तो इस साल की शुरुआत में बरामद की गई 600 से अधिक धरोहरों समेत लगभग एक हजार प्राचीन धरोहरों भारत से लूटी गई है, जिन्हें आने वाले दिनों में वापस भेजा जाएगा.
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