Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. इसी बीच, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने विपक्षी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कही है और इसके साथ ही अपनी शर्तों की एक लिस्ट भी पकड़ा दी है. इसमें आरएसएस को बैन करने की मांग है, जिसके बाद से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. अब इस पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने पलटवार किया है.
शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में डर लगता है ?
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, “क्या शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है या उन्हें डर लगता है? कोई मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी जैसा कोई बयान नहीं देता कि अगर कोई हिंदू बीजेपी के खिलाफ वोट करता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार करें और उसका नाम अब्दुल रहमान रखें. हिंदुत्व में ऐसी भाषा नहीं होती है.” उन्होंने आगे कहा, “शरद पवार ने ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड और मराठी मुस्लिम सेवा संघ को समर्थन दिया है.
#WATCH मुंबई: भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा, "…क्या शरद पवार को हिंदुओं के बारे में बोलने में शर्म आती है या उन्हें डर लगता है? मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी जैसा कोई बयान नहीं देता कि अगर कोई हिंदू भाजपा के खिलाफ वोट करता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार करें और उसका नाम… pic.twitter.com/p47v1lMtNi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2024
उलमा बोर्ड की बातें एमवीए और शरद पवार ने मान्य की. जिसमें 10 फीसदी आरक्षण करना है, आरएसएस के ऊपर प्रतिबंध लगाना है. ऐसे में शरद पवार ने वोट जिहाद जैसी बातें फैलाईं. राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद का परिवार वोट जिहाद फैलाता है, उन्हें शर्म आनी चाहिए.”
शरद पवार और उलेमा बोर्ड ने क्या कहा?
बता दे, शनिवार को एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर वोट जिहाद को लेकर हमला बोला था. उन्होंने कहा था, वह अपने सहयोगियों के साथ ‘वोट जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करके धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
जबकि, 7 नवंबर को NCP के मुखिया शरद पवार, UBT के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को चिट्ठी लिखकर उलेमा बोर्ड ने कहा, अगर MVA उसकी मांगे मानता है, तो वह MVA के उम्मीदवारों का प्रचार भी करेंगे. बोर्ड ने 17 शर्तें भी रखी हैं, जिनमें मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देने, RSS पर बैन लगाने जैसी मांगें रखी हैं.