जंग का मैदान छोड़ भागने लगे नेतन्याहू के सैनिक…, अब इन देशों से किराए पर लड़ाको को भर्ती करेगा इजरायल

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Israel Army: बीते एक साल से हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है, ऐसे में अब इजरायली सेना के जवानों के हौसले जवाब देने लगे है. कई इजरायली सैनिक जंग के मैदान से भागने लगे हैं,जबकि रिजर्विस्ट सैनिक भी युद्ध के मैदान में जाने से इंकार कर रहे है. ऐसे में अब इजरायल सेना में विदेशी लड़ाके भी भर्ती करने लगा है और इसके लिए वो लड़ाकों को कई तरह के प्रलोभन भी दे रहा है.

इजरायली आधिकारियों के द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से इजरायल के करीब 12 हजार सैनिक घायल हुए हैं, जबकि 760 से ज्यादा मारे गए हैं. घायलों में कुछ ऐसे भी सैनिक शामिल है, जो बिना सहारे के नहीं चल सकते है. अधिकारियों द्वारा जारी इन्‍हीं आंकड़ों के वजह से राजनीतिक रूप से विभाजित इजरायलियों में संदेह बढ़ रहा है कि नेतन्याहू के जंग जीतने के दावे कितने सही हैं.

सैनिकों की हुई भारी कमी

दरअसल, इस वक्‍त इजरायल गाजा और लेबनान में सीधे लड़ाई लड़ रहा है. वहीं हूती और इराकी मिलिशिया भी आए दिन हमले कर रहे हैं. इसके अलावा, ईरान के साथ भी सीधी जंग का खतरा बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, इजराइल इस समय 10 हजार सैनिकों की कमी का सामना कर रहा है, वहीं, अब इस कमी को पूरा करने के लिए इजरायल अब अपरंपरागत स्रोतों का सहारा ले रहा है.

सेना भर्ती के बदले नागरिकता

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली सरकार ने एक भर्ती अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अफ़्रीकी शरणार्थियों को गाजा में लड़ने भेजने के बदले में स्थायी निवास की पेशकश की जाएगी.  इजरायल के इस योजना का मकसद सेना में सैनिको की कमी को पूरा करना है, जिसका जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों को दी गई है. सूत्रों के अनुसार, इजरायली सेना और आंतरिक मंत्रालय की ओर से इन शरणार्थियों को जंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही विदेशों से भी लड़ाकों को भर्ती किया जा रहा है.

यूरोप और जर्मनी से आ रहे लड़ाके

कहा जा रहा है कि इजराइल जर्मन खुफिया और ज़ायोनी समूहों के साथ मिलकर अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया से जर्मनी आए शरणार्थियों को भाड़े के सैनिकों के रूप में भर्ती कर रहा है और इसके बदले उन्हें फास्ट-ट्रैक नागरिकता और 4 हजार से 5 हजार यूरो प्रति माह वेतन की पेशकश की जा रही है. इसके अलावा, यूरोप से भी इजरायल अमेरिका की मिलिट्री कंपनी ब्लैकवॉटर की मदद से लड़ाके भर्ती कर रहा है.

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