ITR News: आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को आगाह किया कि आईटीआर में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेशों में अर्जित आय की जानकारी न देने पर कालाधन विरोधी कानून के तहत 10 लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है. आयकर विभाग ने हाल ही में कंप्लायंस और अवेयरनेस कैंपेन की शुरुआत की है. जिसके तहत शनिवार को एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टैक्सपेयर असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर में ऐसी जानकारी दर्ज करें. किसी तरह की जानकारी ना छिपाएं.
एडवाइजरी जारी में क्या
परामर्श में स्पष्ट किया गया है कि पिछले साल में भारत के कर निवासी के लिए विदेशी परिसंपत्ति में बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, अभिरक्षक खाता, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, इक्विटी और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकारी वाले खाते, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत परिसंपत्ति आदि शामिल हैं.
करना होगा ये काम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि इस मानदंड के अंतर्गत आने वाले टैक्सपेयर्स को अपने आईटीआर में विदेशी परिसंपत्ति (FA) या विदेशी स्रोत से आय (FSI) अनुसूची को अनिवार्य रूप से भरना होगा, भले ही उनकी इनकम टैक्स योग्य सीमा से कम’ हो या विदेश में संपत्ति ‘प्रकट सोर्सेज से अर्जित की गई हो. एडवाइजरी के अनुसार, आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का पेनाल्टी लग सकता है.
दिए गए ये सुझाव
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए प्रशासनिक निकाय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा था कि अभियान के तहत वह उन निवासी करदाताओं को ‘सूचनात्मक’ एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने पहले ही आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है. यह संचार ऐसे लोगों को भेजा जाएगा, जिनकी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त जानकारी के जरिए पहचान की गई है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि ये व्यक्ति विदेशी खाते या संपत्ति रख सकते हैं, या विदेशी क्षेत्राधिकार से इनकम प्राप्त कर चुके हैं. देर से एवं संशोधित आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर है.
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