GSAT 20 launch: अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की स्पेस-एक्स और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरों हाल ही में एक मिशन के लिए साथ आए और अब इसे समफलता पूर्वक अंजाम भी दिया है. दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने सबसे एडवांस संचार सैटेलाइट को Spacex के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया है.
क्या काम करेगी ये सैटेलाइट?
GSAT-20 (GSAT N-2) सैटेलाइट को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से लॉन्च किया गया है. ये कम्युनिकेशन सैटेलाइट दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और यात्री विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करेगा. ये सेटेलाइट 32 उपयोगकर्ता बीम से सुसज्जित है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर आठ संकीर्ण स्पॉट बीम तथा शेष भारत में 24 विस्तृत स्पॉट बीम शामिल हैं.
Deployment of @NSIL_India GSAT-N2 confirmed pic.twitter.com/AHYjp9Zn6S
— SpaceX (@SpaceX) November 18, 2024
सेटेलाइट के लॉन्चिंग का वीडियों वायरल
बताया जा रहा है कि सभी 32 बीम को भारत में स्थित हब स्टेशनों से सपोर्ट किया जाएगा. ये सेटेलाइट्स इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में भी सहयोग करेगा. इस सेटेलाइट के लॉन्चिंग का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे स्पेसएक्स ने एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है.
SpaceX की मदद क्यों ली गई?
जानकारी के मुताबिक, इस सैटेलाइट का भार 4700 किलोग्राम है. ऐसे में इसे लॉन्च करा पाना भारतीय रॉकेट्स के लिए मुमकिन नहीं था, यही वजह है कि इस मिशन के लिए स्पेसएक्स की मदद ली गई. बता दें कि भारत अपना रॉकेट ‘द बाहुबली’ या लॉन्च व्हीकल मार्क-3 अधिकतम 4000 से 4100 किलोग्राम तक के वजन को अंतरिक्ष कक्षा में ले जा सकता था.
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