सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले छह वर्षों में भारत में आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, साथ ही बेरोजगारी दर में कमी आई है और कार्यबल में शिक्षित महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. मंत्रालय के आंकड़े रोजगार श्रेणियों में महिलाओं की आय में लगातार वृद्धि भी दर्शाते हैं. इसके अलावा, आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रम बल भागीदारी में तेज वृद्धि हुई है.
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा किए गए पीएलएफएस से पता चलता है कि पिछले छह वर्षों में समग्र भारतीय श्रम बाजार संकेतकों में सुधार हुआ है. यह श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में परिलक्षित होता है, जिसे जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो 2017-18 में 46.8% से बढ़कर 2023-24 में 58.2% हो गया. आंकड़ों के मुताबिक, इसी अवधि के दौरान श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 49.8% से बढ़कर 60.1 प्रतिशत हो गई और बेरोजगारी दर (यूआर) 6.0% से घटकर 2% हो गई, जो बेहतर नौकरी उपलब्धता और आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है.
देश में महिला श्रम बल से संबंधित PLFS डेटा के मंत्रालय के विश्लेषण के मुताबिक, ग्रामीण और शहरी सहित विभिन्न श्रेणियों में आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. पीएलएफएस के अनुसार, 2017-18 और 2023-24 के बीच ग्रामीण FLFPR में 23 प्रतिशत अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है (2017-18 में 24.6 प्रतिशत और 2023-24 में 47.6%), जो ग्रामीण उत्पादन में महिलाओं के बढ़ते योगदान को दर्शाता है. महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर 2017-18 में 22 प्रतिशत से दोगुना होकर 2023-24 में 40.3% हो गया. महिलाओं के लिए LFPR 23.3% से बढ़कर 41.7% हो गया और बेरोजगारी दर 5.6% से घटकर 3.2% हो गई.
सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि कार्यबल में शिक्षित महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. पीएलएफएस के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में स्नातकोत्तर और उससे ऊपर की शिक्षा स्तर वाली कुल महिलाओं में से करीब 39.6% कार्यरत हैं, जबकि 2017-18 में यह 34.5% थी. वहीं, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा स्तर वाली कुल महिलाओं में से 23.9% 2023-24 में कार्यबल में हैं, जबकि 2017-18 में यह 11.4 प्रतिशत थी. इसके अलावा, प्राथमिक स्तर तक शिक्षित कुल महिलाओं में से करीब 50.2% 2023-24 में कार्यबल में हैं, जबकि 2017-18 में यह 24.9% थी.
यह भी पढ़े: Aligarh Accident: कोहरे की मार, आपस में टकराए 15 वाहन, कई लोग घायल