Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाले बुलेट ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. भारत सरकार की मुंबई-अहमादाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत, चलने वाली ट्रेनों को विशेष तरीके से तैयार किया जा रहा है. मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेनों में ढेर सारे सेफ्टी फीचर्स दिए जाएंगे. प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली बुलेट ट्रेनों को आंधी, तेज बारिश और भूकंप से बचाने के लिए खास तरीके से डिजाइन किया जा रहा है. इसकी जानाकरी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर दी है.
भूकंप सेंसर
नई बुलेट ट्रेन परियोजना में भारतीय रेलवे भूकंप सेंसर, वर्षा निगरानी प्रणाली और तेज हवाओं के दौरान ट्रेन की सुरक्षा जैसी नई प्रणालियों को अपडेट कर रहा है. मुंबई-अहमादाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जापानी शिंकानसेन बुलेट ट्रेनों की टेक्निक का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुंबई और गुजरात के बीच में कुल 28 भूकंपमापी सेंसर लगाए जाएंगे, जिनमें से 22 महाराष्ट्र और 8 गुजरात में लगाए जाएंगे. ये सेंसर भूकंप तरंगों की निगरानी करेंगे और भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में ट्रेन के जाने पर स्वचालित रूप से इमरजेंसी ब्रेक लगा देंगे.
बारिश की निगरानी
बुलेट ट्रेनों को हैवी रेन से बचाने के लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे जिस इलाके में ट्रेन चलेगी. वहां के मौसम के बारे में आसानी से पता चल जाएगा और बुलेट ट्रेनों को खराब मौसम और भारी बारिश की मार नहीं झेलनी पड़ेगी. कई बार भारी बारिश के चलते ट्रेनें लेट हो जाती हैं. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए रेलवे बुलेट ट्रेनों में बरिश की निगरानी के लिए एक नया सिस्टम लगाएगा.
हवाओं की गति का पता लगाएगा वायडक्ट
इस रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेनें कई तटीय क्षेत्रों से होकर के गुजरेंगी. इसलिए ट्रेनों पर तेज हवाओं का कोई प्रभाव न पड़े, आंधियों के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाए, इसके लिए हवाओं की गति का पता लगाने के लिए वायडक्ट के साथ ही 14 जगहों पर एनीमोमीटर लगाएया जाएगा. यह 0 से 252 किमी प्रति घंटा के बीच चलने वाली हवाओं का डेटा देगा, जिससे अगर हवा की रफ्तार 72 किमी प्रति घंटा से 130 किमी प्रति घंटा के बीच पहुंचती है तो ट्रेन की रफ्तार को कम कर दिया जाएगा.
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