वॉशिंगटन: भारत के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी शुरू हो सकती है, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करे. भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत सीमापार आतंकवाद का पीड़ित है और आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टोलरेंस की नीति है. भारतीय राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारा मुख्य मुद्दा आतंकवाद है.
कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का जवाब: भारत का तरीका’ था. इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश भी शामिल हुए.
कार्यक्रम में जब भारतीय राजदूत से पाकिस्तान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संपर्क करने और बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन भारत में पाकिस्तान की तरफ से जारी आतंकी गतिविधियों ने विश्वास को खत्म कर दिया है. पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद का खात्म है और यह एक अहम मुद्दा है.’
‘वैश्विक मंच पर आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है’
हरीश ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा, ‘भारत लंबे समय से सीमा पार और वैश्विक आतंकवाद का शिकार रहा है. आतंकवाद मानवता के ‘अस्तित्व के लिए खतरा है, जिसकी कोई सीमा नहीं है, कोई राष्ट्रीयता नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का मुकाबला केवल अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से ही किया जा सकता है.’ आतंकवाद से निपटने में भारत के तरीकों को रेखांकित करते हुए हरीश ने कहा कि देश का फोकस आतंकवाद से निपटने के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को साथ लेकर चलने पर रहा है, क्योंकि भारत इस संकट के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है. भारतीय राजदूत ने कहा कि हम एक और 9/11 का हमला नहीं चाहते और न ही 26/11 जैसा मुंबई हमला चाहते हैं.