सऊदी अरब और ईरान के साथ मिलकर क्या खिचड़ी पका रहा चीन? दोंनो देशों के बीच रिश्ते सुधारने में जुटा बीजिंग

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Beijing Agreement: इजरायल के साथ चल रहे युद्ध के दौरान ईरान और सऊदी अरब के बीच की दूरियां अब खत्‍म हो रही है. मध्य पूर्व की इन दोनों देशों के बीच के दरार को कम करने का काम अमेरिका का दुश्मन चीन कर रहा है. एक ओर जहां मध्य पूर्व में अमेरिका और रूस अपनी पकड़ मजबूत किए हुए थे, वहीं अब चीन भी अपनी मजबूत कूटनीति से यहां अपनी जमीन तैयार करने में जुटा हुआ है.

सऊदी मीडिया के मुताबिक, बीजिंग एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने के लिए सऊदी-चीनी-ईरानी संयुक्त त्रिपक्षीय समिति की दूसरी बैठक मंगलवार को रियाद में हुई है, जिसकी अध्‍यक्षता सऊदी के उप विदेश मंत्री वलीद बिन अब्दुलकरीम एल्खेरीजी ने की. इस बैठक में चीन के उप विदेश मंत्री डेंग ली और ईरान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त रवांची भी शामिल रहे.

दोनों देशों के रिश्ते सुधारने में जुटा बीजिंग

इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने बीजिंग एग्रीमेंट को पूरी तरह अपनाने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर, इस्लामिक सहयोग संगठन के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करके पड़ोसी संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. बैठक के दौरान संप्रभुता, स्वतंत्रता और सुरक्षा के सम्मान पर जोर दिया गया है. वहीं, सऊदी अरब और ईरान ने चीन की पहल को भी सराहने के साथ ही बीजिंग समझौते में इसके प्रयासों को अहम बताया. वहीं, चीन ने भी दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

रिश्ते होंगे मजबूत

इस संयुक्त बैठक में वाणिज्य दूतावास सेवाओं को आगे बढ़ाने के लिए जोर दिया गया, जिसमें ईरान और सऊदी ने टैक्स फ्री ट्रेड के लिए तत्परता व्यक्त की और चीन के साथ मिलकर आर्थिक और राजनीतिक सहयोग का विस्तार करने की उम्मीद जताई. साथ ही तीनों देशों ने फिलिस्तीनियों के ऊपर हो रहे इजरायली हमले की निंदा करने के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे तुरंत रुकवाने की भी अपील की. इसके अलावा, इजरायली सेना के लेबनान में घुसने और ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन की निंदा की.

क्या है बीजिंग एग्रीमेंट?

दरअसल, मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता में ईरान और सऊदी ने साल 2016 से खत्म हुए अपने राजनयिक रिश्तों को बहाल किया था. इस एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों ने आपसी कारोबार, साझेदारी और सहयोग आदि पर काम करने पर सकारात्मकता व्यक्त की थी. वहीं, अब ये दोनों देश एक बार फिर से इस एग्रीमेंट को पूरी तरह से लागू करने के लिए रियाद में मिले थे.

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