सिक्का हमेशा शोर करता है पर नोट नहीं, इसलिए जितना बड़ा बनें, उतना विनम्र रहें
कहते हैं कि अगर दिन की शुरुआत अच्छी होती है, तो पूरा दिन सकारात्मकता के साथ बितता है. ऐसे में आपके दिन को और खास बनाने के लिए हम लाएं हैं कुछ चुनिंदा सुविचार...
भयमुक्त होता है वह प्राणी, जो परमात्मा की इच्छा को अपने लिए आदेश मानकर चलता है.
ईश्वर का रूप केवल उतना ही नहीं जितना हम और आप समझते हैं, सृष्टि के हर कण में परमात्मा की उपस्थिति होती है.
स्वर्ग और नर्क कर्म के तराजू पर समान रूप से तुलते हैं, इन्हीं के आधार पर आत्मा की गति होती है.
चंचल मन की इच्छाओं का त्याग करने वाले व्यक्ति ही परमात्मा के हृदय में वास करते हैं.
सच्ची श्रृद्धा और परमात्मा के प्रति समर्पण तब ही सफल माना जाता है, जब उसमें कोई शंका न हो.
भय के होने पर मन की स्थिति भयानक हो जाती है, वीर वही है जो कर्मज्ञान का अनुसरण करता हो.
परमात्मा की लीलाओं को जिसने शून्य होकर जान लिया, उसने जीवन के अनन्त ज्ञान की प्राप्ति कर ली.
जीवन का एक ही सार होता है “श्रीमद्भागवत गीता”, यही सार यदि जीवन का आधार बन जाए तो जीवन सफल बन जाता है.