International News: जानिए कौन है अफगानिस्‍तान की मलाला, 17 साल की नीला तालिबान के खिलाफ उठाती हैं आवाज

नीदरलैंड्स के एम्स्टर्डम में अफगानिस्‍तान की नीला इ‍ब्राहिमी को अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है. आइए बताते हैं कौन है अफगानिस्‍तान की मलाला.

पाकिस्‍तान की मलाला यूसुफजई की तरह ही अफगानिस्‍तान की नीला को इस पुरस्‍कार से नवाजा गया है. दरअसल, मलाला ने पाकिस्‍तानी लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाई, तब उनपर गोली भी चली, लेकिन वह नहीं मानी.

नीला भी इतनी हिम्‍मती हैं कि उन्होंने अफगानिस्‍तान में तालिबानी शासन होने के बावजूद लड़कियों के हक के लिए आवाज उठाई. इस कारण उन्‍हें देश छोड़ना पड़ा. 

हालांकि, वह अफगानी लड़कियों की शिक्षा के अहम आदेश को बदलवाने में कामयाब रहीं. इस आदेश ने 12 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों के लिए कई रास्‍ते खोले. 

अफगानिस्तान की 17 वर्षीय नीला इब्राहिमी वो लड़की हैं जिन्हें अपने ही देश में बोलने से रोक दिया गया था. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और काबुल में लड़कियों के अधिकार की लड़ाई लड़ती रहीं. 

इसके चलते उन्‍हें भागकर कनाडा में शरण लेनी पड़ी. वहां से भी उन्‍होंने अपना काम जारी रखा.

एक इंटरव्यू में नीला ने बताया कि जब वह 13-14 साल की थीं. तब उन्‍होंने मार्च, 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के आने से पहले एक विरोध गीत रिकॉर्ड किया था. 

तब काबुल शिक्षा निदेशालय ने 12 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के सार्वजनिक रूप से गाना गाने पर प्रतिबंध लगाया था. वहीं, शिक्षा पर भी प्रतिबंध लगा दिए थे.

जान का खतरा होने पर नीला परिवार संग भागकर पहले पाकिस्तान पहुंची. पाकिस्तान के बाद वह कनाडा चली गईं. अब नीली वही से अफगान लड़कियों के हितों की वकालत करती हैं.