AMD India Plans: सेमीकंडक्टर और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा भारत

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत सेमीकंडक्टर (Semiconductor) और प्रौद्योगिकी क्षेत्र (Technology Sector) में एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है. चिप निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एएमडी (AMD) ने आने वाले सालों में नवाचार, प्रतिभा और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में पर्याप्त निवेश और रणनीतिक दांव लगाया है. एएमडी की सीईओ लिसा सु (CEO Lisa Su) ने कहा कि भारत एएमडी के लिए सिर्फ एक बाजार नहीं है. बल्कि, यह एक आवश्यक विकास केंद्र माना जाता है. क्योंकि, कंपनी की सबसे बड़ी अनुसंधान और विकास सुविधा बेंगलुरु में स्थित है.

अमेरिका के बाहर है एएमडी का सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर

8,000 से ज्यादा कर्मचारियों वाला बेंगलुरु डिजाइन सेंटर, AMD का अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर बन गया है. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय आरएंडडी सेंटर कंपनी की एंड-टू-एंड डिजाइन क्षमताओं का अभिन्न अंग बन गया है, जिसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सिस्टम डेवलपमेंट शामिल हैं. लिसा सु ने आगे कहा, “भारत एएमडी का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा है कि जब हम अपने वैश्विक पोर्टफोलियो पर नजर डालते हैं, तो पाते हैं कि हमारे उत्पाद लाइन का हर पहलू भारत में हमारे डिजाइन केंद्र से होकर गुजरता है.

उन्‍होंने बताया कि ”यह वैश्विक विस्तार भारत के विशाल प्रतिभा पूल का लाभ उठाने और इसे अपने संचालन का एक केंद्रीय घटक बनाने के एएमडी के दृष्टिकोण का हिस्सा है. कंपनी ने 2028 तक 400 मिलियन डॉलर के निवेश की भी प्रतिबद्धता जताई है. भारत में चल रहे निवेश का उद्देश्य एक व्यापक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है, जो कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

लिसा सु ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए की पीएम मोदी की प्रशंसा

भारत के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता सेमीकंडक्टर विनिर्माण और AI प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने की देश की व्यापक महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप भी है. एएमडी की सीईओ लिसा सु ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए प्रधानमंत्री मोदी की “मजबूत, व्यावहारिक दृष्टि” की प्रशंसा की. जिसमें मेक इन इंडिया विनिर्माण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति दोनों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है. लिसा सु ने आगे कहा, “सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने में समय लगता है. ” हालांकि देश अभी भी इस बदलाव के शुरुआती दौर में है. लेकिन, वह भविष्य को लेकर आशावादी हैं और वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने और आवश्यक स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भारत द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का हवाला देती हैं.

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