संभलः पिछले दिनों कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान संभल में भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ किया था. इस बवाल में पांच लोगों की जान चली गई थी. पुलिस का मानना है कि रविवार को संभल में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी. इसके लिए न सिर्फ ईंट-पत्थर एकत्र कर रखे गए थे, बल्कि ऐसे हथियार भी तैयार किए गए थे, जो अब शायद कहीं नजर नहीं आते. समझा जाता है कि यह तैयारी कुछ दिन पहले ही की गई होगी. हिंसा के दौरान खदेड़े गए उपद्रवियों के जूते चप्पल व अन्य सामान के साथ ही पुलिस को दोधारी खंजर जैसे हथियार मिले हैं. इसके दोनों ओर चाकू की तरह तेज धार और बीच में पकड़ने के लिए जगह बनाई गई है.
मालूम हो कि कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाते हुए जमकर पथराव किया था. इसके साथ फायरिंग भी की गई थी. इस उपद्रव में पांच लोगों की मौत भी हो गई थी. उपद्रवियों के पास ऐसे हथियार भी थे, जिन्हें भीड़ में प्रयोग कर चंद मिनट में ही तमाम लोगों को घायल किया जा सकता था.
पुलिस को दंगाइयों से मिले इस अजीब से हथियार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ लोग दोधारी खंजर बता रहे हैं तो कुछ ने इसे हलाड़ी खंजर भी बताया है. पुराने जमाने के इस हथियार का पहले इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यह लुप्त हो चुका है. पुलिस का मानना है कि इसे घर में तैयार किया गया है. इसमें बीच में पकड़ने के लिए भी मूठ भी होती है, जो इसमें नहीं लगी है.
डिप्टी कलेक्टर को सौंपी गई मजिस्ट्रीयल जांच
संभल में हुए बवाल को लेकर डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मजिस्ट्रीयल जांच के निर्देश दिए हैं. जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर चल रहे सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद लोगों की मौत हुई थी, जिसमें अब जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को जांच अधिकारी नामित किया है. इसमें जांच अधिकारी ने भी घटना के संबंध में वीडियो, फोटो और अन्य प्रस्तुत करने के लिए 28 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक का समय दिया है.
पुलिस बल के साथ डीआईजी ने किया पैदल मार्च
मालूम हो कि बवाल के बाद सोमवार को डीआईजी ने पुलिस बल के साथ पैदल मार्च किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी. वहीं, दोपहर बाद आरएएफ (त्वरित कार्रवाई बल) ने भी संभल में अपनी दस्तक दे दी. जहां जवानों ने पैदल मार्च कर लोगों को बिना किसी डर या खौफ के रहने का भरोसा दिलाया.
शहर में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से लगताार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसी भी प्रकार की अशांति न फैल सके. इसके लिए कई अन्य जिलों के पुलिस बल के साथ ही आरआरएफ, पीएसी को पहले से ही तैनात किया गया था.