अमेरिका का एक ऐसा शहर, जहां फोन-इंटरनेट समेत माइक्रोवेब जैसी वस्तुएं हैं प्रतिबंधित, जानिए क्या है इसकी वजह

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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West Virginia: आज के समय में मोबाइल फोन और इंटरनेट के बिना जैसे लोगों की जिंदगी थम-सी जा रही है. इस समय ज्‍यादातर काम इंटरनेट के माध्‍यम से ही किये जा रहे है, चाहें वो घरेलू हो या आफिशियल. ऐसे में आपको यह जानकार हैरानी होगी कि दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में से एक अमेरिका में एक शहर ऐसा भी है, जहां आज भी मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं नहीं पहुंची.

इस शहर के लोग आज भी सैकड़ों साल पुराने तरीके से अपनी जिंदगी का निर्वहन कर रहे है. यहां कोई जीपीएस काम नहीं करता है. कहीं आवागमन करने के लिए भी यी तो किसी से रास्ता पूछना पड़ता है या फिर लिखे हुए संकेतों को पढ़कर पहुंचना पड़ता. ऐसे में अब आपके मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर का अमेरिका जैसे देश के इस शहर में इंटरनेट की सुविधा क्‍यों नहीं, तो चलिए जानते है कि क्‍या है इसका कारण…

इस शहर में स्थित है दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्‍कोप

दरअसल, अमेरिका के इस शहर में जानबूझकर इंटरनेट की सुविधा नहीं प्रदान की गई है. इस शहर को रेडियेशन फ्री बनाने के लिए ऐसा किया गया है. इसे वेस्ट वर्जीनिया के ग्रीन बैंक के नाम से भी जाना जाता है. क्‍योंकि यहां किसी तरह का ध्वनि, वायु या जल प्रदूषण नहीं है. ऐसे में यहां स्कूल, लाइब्रेरी की सुविधा है. इतना ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप भी इसी शहर में स्थित है.

इस शहर में ये उपकरण है प्रतिबंधित

बता दें कि 33 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाला यह शहर ग्रीन और बेहद शांत है. इसकी स्थापना साल 1958 में की गई थी. यह अमेरिका के नेशनल रेडियो क्वाइट जोन (एनआरख्यूजेड) में आता है. नेशनल रेडियो क्वाइट जोन का मतलब रेडियो फ्रिक्वेंसी फ्री बनाना है. ऐसे में यहां सच में किसी भी प्रकार के फोन, इंटरनेट, माइक्रोवेब जैसी कोई सुविधाएं नहीं दी गई हैं. क्योंकि यह सभी विद्युतचुंबकीय तरंगे उत्पन्न करने वाले उपकरण हैं. इसलिए इन सबको यहां प्रतिबंधित रखा गया है.

वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च सुविधा

इसके अलावा, वैज्ञानिकों के लिए इस शहर में रिसर्च की सुविधाएं मौजूद हैं. ऐसे में यहां स्थित ग्रीन बैंक टेलीस्कोप (जीबीटी) अंतरिक्ष से आने वाले सबसे कमजोर रेडियो तरंगों का भी पता लगा लेती है और यही वजह है कि यहां किसी भी प्रकार के तरंग पैदा करने वाले उपकरणों पर बैन है, जिससे वैज्ञानिक रिसर्च में भी किसी तरह की कोई बाधा न आ सके. इसे ऑब्जर्वेटरी एरिया भी कहते हैं. इसके अलावा, यहां अंतरिक्ष में घटने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं, ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाने और गुरुत्वाकर्षण के तरंगों का पता लगाने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं जरूरी होती हैं.

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