Ashtalakshmi Mahotsav: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 6 से 8 दिसंबर के बीच भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ डेवलपमेंट ऑफ नार्थ ईस्टर्न रीजन द्वारा इसे आयोजित किया जाएगा और ऐसी उम्मीद है कि इससे करीब 3 करोड़ रुपये का टर्नओवर होगा. इस महोत्सव में उत्तर-पूर्व (North east) के 8 राज्यों के कल्चर, क्रॉफ्ट और डायवरसिटी की झलक देखने को मिलेगी.
कुल टर्नओवर 3 करोड़!
महोत्सव में रूलर क्षेत्रों में बने प्रोडक्ट्स को वैश्विक स्तर पर जोड़ने के लिए 33 जी आई टैग वाले प्रोडक्ट्स को दिखाया जाएगा. इसके अलावा अष्टलक्ष्मी महोत्सव में 8 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली 320 दुकानें होंगी. हर राज्य की करीब 40 दुकानें होंगी, जिनसे कुल टर्नओवर 3 करोड़ के लगभग होने का अनुमान है.
विकसित भारत में पूर्वोत्तर राज्यों की अहम भूमिका- ज्योतिरादित्य सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव को लेकर कहा कि इस महोत्सव से नॉर्थ ईस्ट के कल्चर को समझने में मदद मिलेगी इसके अलावा इस बात की भी पुष्टि होगी कि कैसे विकसित भारत में पूर्वोत्तर राज्यों की भूमिका होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में दिल्ली में पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए विभिन्न रोड शो के जरिए 9,500 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी से देख पाएंगे पूर्वोत्तर का कल्चर
महोत्सव में आने वाले लोग इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी के जरिए नॉर्थ ईस्ट के कल्चर को देख सकेंगे. आठ मंडपों की 320 दुकानों पर 200 कारीगरों की कुशलता लोग देख सकेंगे. इस महोत्सव में ट्रेडिशनल क्रॉप्ट और मॉर्डन प्रोडक्ट्स समेत कुल 2 करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद है. ग्रामीण हाटों में 320 जमीनी स्तर के लोग शिल्प, फूलों की खेती, हथकरघा और कृषि उत्पादों को प्रस्तुत करेंगे, जो आर्थिक सशक्तीकरण के साथ परंपरा का मिश्रण होगा.
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