संपूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है गीता का ज्ञान: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत विश्व की मानवता के लिये है।श्रीमद्भागवतमहापुराण में एक भी जगह किसी वर्ग विशेष के लिये नहीं कहा गया, सत्य तो सनातन होता है, सबका होता है। गीता ज्ञान संपूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है। प्रत्येक मानव के भीतर एक पशु भी छिपा हुआ है तो भीतर के पशु को नियंत्रित करने के लिये भीति की जरूरत है और भीतर के इंसान को जगाने के लिये प्रीति की जरूरत है। इसलिए दोनों चाहिए प्रीति भी और भीति भी।
भय तीन प्रकार का होता है। एक भय है परमात्मा का, धर्म का। क्योंकि पाप किया तो नर्क में जायेंगे। भगवान नाराज हो जायेंगे, हमारी दुर्गति होगी। दूसरा भय है समाज का, सोसाइटी का, समाज में रहना है तो समाज का भय। तीसरा भय है जो न धर्म को मानते हैं, न परमात्मा को मानते हैं, न समाज को मानते हैं। ऐसे लोगों के लिए राजा हाथ में दंड धारण करता है, उनको राजा के सिपाही पड़कर दंड देते हैं। तो जो दुष्ट प्रकृति के लोग होते हैं वह पुलिस के भय से सही रास्ते पर चलते हैं।
इस वक्त इंसान अधूरा है क्योंकि भीतर पशु जी रहा है और वह पशु कभी-कभी प्रकट हो जाता है। जो आदमी हिंसा करता है, हुल्लड करता है, धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, सम्प्रदाय के नाम पर हिंसाएं होती हैं। भगवान बुद्ध ने कहा तुम धर्म के नाम पर यज्ञ में पशुओं की हिंसा क्यों करते हो, अपनी पशुता को खत्म करो। पशु को नहीं पशु को क्यों मारते हो? अपने भीतर की पशुता को खत्म करो, जीवन के अज्ञान और बुराइयों को समाप्त करो, बुराइयों को समाप्त करो, यज्ञ इसलिए है।
भीति से भीतर के पशु को नियंत्रित करो और प्रीति के द्वारा भीतर के इंसान को जगाओ। इंसानियत को, मानवता को जगाओ। यह काम है धर्म का। संसार में मानव तो बहुत मिलेंगे लेकिन मानवता दुर्लभ होती जा रही है और देखा जाये तो जिनमें मानवता न हो उसको मानव भी कैसे कहें? चीनी अगर मीठी न हो तो चीनी किस काम की। नमक अगर खारा नहीं है तो नमक किस काम का? उसी प्रकार मानवता न हो तो मानव किस काम का? आज मनुष्य की जिंदगी जी करके पृथ्वी पर से बिदा लेते नजर नहीं आते।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
Latest News

IES यूनवर्सटी में छात्रों के दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन, पद्मश्री अशोक भगत को “डॉक्टर ऑफ़ फिलासफी” की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित 

आईईएस विश्वविद्यालय में बुधवार, 4 दिसम्बर को छात्रों के दीक्षांत समारोह का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ. इस समारोह...

More Articles Like This