Bangladesh: बांग्लादेश के एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषणों के प्रकाशन पर रोक लगा दी है. दरअसल, हाल ही में शेख हसीना ने न्यूयॉर्क में अपनी अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को वर्चुअल संबोधन में अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश सरकार ने ये फैसला लिया है.
शेख हसीना ने अपने भाषण के दौरान बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर नरसंहार को अंजाम देने और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था.
इंटरपोल से मंगी गई मदद
दरअसल जुलाई-अगस्त में बड़े पैमाने पर देश में हुए विद्रोह के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत चली गई. वहीं, इस प्रर्दशन में सैकड़ों प्रदर्शनकारी मारे गए, जिसके लिए शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर कई मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, उनकी और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी कि लिए यूनुस सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल से मदद मांगी है.
मेरी हत्या करने की हो रही साजिश-हसीना
बता दें कि बुधवार को हसीना ने न्यूयॉर्क में अपने समर्थकों से कहा कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के जैसे ही उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की योजना बनाई गई थी. उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनकी 1975 में उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों के साथ हत्या कर दी गई थी. इस दौरान सिर्फ हसीना और उनकी छोटी बहन ही बच पाईं, क्योंकि वे उस समय जर्मनी की यात्रा पर थीं.
कुछ भी हो जाए, गोली न चलाएं
उन्होंने बताया कि सशस्त्र प्रदर्शनकारियों को ढाका में उनके निवास की ओर जाने का निर्देश दिया गया था और उन्हें भारत भागने के लिए मजबूर किया गया, जिससे सुरक्षा गार्डों को भीड़ पर गोली न चलानी पड़े, यदि ऐसा होता है, तो कई लोगों की जान चली जाती. मुझे जाने के लिए मजबूर किया गया. ऐसे में मैंने उनसे कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, गोली न चलाएं. रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना आने वाले हफ्तों में अपने समर्थकों को संबोधित करने के लिए इस तरह के और सार्वजनिक भाषण देने की योजना बना रही हैं.
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