Syria Conflict: सीरिया में हुए गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है. सीरिया के विपक्षी कार्यकर्ताओं और एक विद्रोही कमांडर की तरफ से ये दावा किया गया है. सीरिया में तेजी से आगे बढ़ रहे विद्रोहियों ने कहा कि वे शनिवार को राजधानी दमिश्क के करीब थे. सेना में जारी संघर्ष के बीच विद्रोही लड़ाके राजधानी दमिश्क में घुस चुके हैं. इस बीच सभी की निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं कि वह इस स्थिति में क्या कदम उठाता है. हालांकि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि यह हमारी लड़ाई नहीं है और अमेरिका को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए.
‘सीरिया हमारा दोस्त नहीं’
ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ पर लिखा, ‘सीरिया में बहुत गड़बड़ी है, लेकिन वह हमारा दोस्त नहीं है. अमेरिका को इससे कोई मतलब नहीं है. ये हमारी लड़ाई नहीं है. हमें इसमें शामिल नहीं होना चाहिए और इससे बाहर रहना चाहिए.’ डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा, असद का सहयोगी रूस है, लेकिन वह इन दिनों यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है. ऐसे में सीरिया में जो कुछ हो रहा है, उसमें रूस ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है. रूस ने कई वर्षों तक सीरिया की रक्षा की.
सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैनिक
ट्रंप ने आगे लिखा, अगर रूस, सीरिया से निकल जाता है तो इससे रूस को ही फायदा होगा क्योंकि सीरिया से उन्हें कुछ नहीं मिला है. ट्रंप ने भले ही सीरिया युद्ध से अमेरिका के बाहर रहने की बात कही है, लेकिन सीरिया में अभी भी 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी सीरिया से अपने सैनिकों को निकालने की बात कही थी. ऐसे में एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के बाद ट्रंप ऐसा फैसला कर सकते हैं. हालांकि रक्षा सलाहकारों का मानना है कि अमेरिका को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जो खालीपन पैदा होगा, उसे रूस और ईरान द्वारा कब्जाया जा सकता है.