अमेरिका के खिलाफ चीन का बड़ा कदम, इन प्रमुख धातुओं के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US-China Relation: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के शपथ लेने से पहले चीन ने बड़ा झटका दिया है. अमेरिका के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए चीन गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी के निर्यात पर रोक लगा दी है. ये तीनों धातुएं स्मार्टफोन, रडार, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां और रक्षा उपकरणों में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. चीन के इस कदम को अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का नतीजा बताया जा रहा है. यह इस बात का संकेत है कि आगामी समय में अमेरिका और चीन के बीच संबंध ठीक नहीं रहने जा रहे हैं.

चीन ने इस वजह से लिया फैसला

यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी कंपनियों पर लगाए गए बैन के जवाब में उठाया गया है. ये कंपनियां एडवांस्ड कंप्यूटर चिप बनाने वाले टूल्‍स बनाती हैं, जिनका इस्‍तेमाल कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रक्षा तकनीकों में होता है. चीन ने पहले ही इन धातुओं के निर्यात पर लाइसेंसिंग आवश्यकताएं लागू की थीं.

अब उसने इसे पूरी तरह बैन कर दिया है. ये तीनों धातु अमेरिकी रक्षा और तकनीकी उद्योगों के लिए बहुत जरूरी हैं. गैलियम का उपयोग हाई-बैंडविथ मेमोरी चिप्स, एलईडी, और लेजर बनाने में किया जाता है. जर्मेनियम का इस्तेमाल सोलर सेल और ऑप्टिकल फाइबर में किया जाता है. वहीं एंटीमनी का इस्‍तेमाल आग प्रतिरोधी सामग्री और सैन्य उपकरणों में किया जाता है.

अमेरिका को नुकसान

बता दें कि चीन गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी का सबसे बड़ा उत्पादक और आपूर्तिकर्ता है. अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इनकी सप्लाई में व्यवधान से अमेरिका को 3 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है. अमेरिका ने पिछले साल में गैलियम और एंटीमनी का प्रोडक्‍शन नहीं किया था. हालांकि, जर्मेनियम का कुछ उत्पादन अलास्का और टेनेसी की खदानों से होता है, लेकिन यह सप्‍लाई की कमी को पूरा करने में नाकाफी है.

चीन के इस फैसले ने अमेरिकी बाजारों में हलचल पैदा कर दी है. अमेरिका अब वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में लगा है. हालांकि इसमें समय और संसाधन लगेंगे. यूरोप और जापान ने रीसाइक्लिंग और नई तकनीकों पर काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन ड्रैगन का दबदबा अब भी बरकरार है.

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