उपराज्यपाल वी के सक्सेना (VK Saxena) ने प्रधानमंत्री उदय योजना (Pradhan Mantri Uday Yojana) के तहत एकल खिड़की शिविरों की प्रगति की समीक्षा की. राज निवास ने सोमवार को बताया, इसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों के 13,300 आवेदकों ने शिविर में आकर सुविधा का लाभ उठाया. प्रधानमंत्री-दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के लिए आवास अधिकार योजना (पीएम-उदय) का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करके उनकी संपत्तियों को कानूनी मान्यता प्रदान करना है.
वी के सक्सेना के निर्देश पर, दिल्ली विकास प्राधिकरण इन अनधिकृत कॉलोनियों में 10 प्रसंस्करण केंद्रों पर 30 नवंबर से 29 दिसंबर तक हर सप्ताहांत ये शिविर आयोजित कर रहा है. अपने बयान में राज निवास ने कहा, सक्सेना ने डीडीए से इस कार्य को मिशन मोड पर करने को कहा है. इन शिविरों में 13,353 आवेदक अपनी सम्पत्तियों को नियमित कराने के लिए आये. अधिकांश आवेदकों के आवेदन मौके पर ही स्वीकृत कर दिए गए। कुछ शिविरों में डीडीए अधिकारियों ने लंबी कतारों को हटाने के लिए देर रात तक काम किया.
बयान में आगे कहा गया कि सक्सेना के निर्देश पर 7-8 दिसंबर को आयोजित दूसरे शिविर में संपत्ति पंजीकरण के माध्यम से मालिकाना हक की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए उप-पंजीयक भी मौजूद थे. पिछले सप्ताह नजफगढ़ में एक शिविर में उपराज्यपाल के दौरे के दौरान, कई लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए उनसे संपत्तियों के लिए मौके पर ही पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया था. इसके बाद सक्सेना ने शिविरों में उप-पंजीयकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
इन शिविरों में 2,000 से अधिक नए आवेदन दाखिल किए गए. पिछले दो सप्ताह के दौरान 506 आवेदनों के लिए हस्तांतरण विलेख/प्राधिकरण पर्चियां जारी की गईं और 21 विलेख पंजीकृत किए गए. बयान में कहा गया कि नियमितीकरण के लिए लंबित हजारों आवेदनों की कमियां दूर कर दी गईं और उनमें से सैकड़ों को मंजूरी दे दी गई. इन शिविरों में दी जाने वाली सेवाओं में कन्वेयंस डीड और प्राधिकरण पर्चियां जारी करने, जीआईएस सर्वेक्षण, नए पंजीकरण और बांड और नोटराइजेशन के संबंध में सहायता से संबंधित मामले शामिल हैं.
7-8 दिसंबर के सप्ताहांत से, संपत्तियों को पंजीकृत करने के लिए उप-पंजीयकों को नियुक्त किया गया है.
इसमें कहा गया है कि उत्तराधिकार के आधार पर संपत्तियों के दाखिल खारिज को मंजूरी देने तथा 14,000 आवेदकों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए इसी प्रकार के विशेष शिविरों का आयोजन किया गया, जिन्हें भूमि-पूलिंग नीति के कारण लंबे समय तक देरी का सामना करना पड़ा था.