India-Israel relations: भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने हाल ही के अपने एक इंटरव्यू में भारत की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हमास को नष्ट करने के लिए जैसे ही इजरायल ने अपने सैन्य अभियान को आगे बढ़ाया था, गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन को लेकर लहर चल पड़ी थी. ऐसे में नैरेटिव जंग को जीतने के लिए सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल करना इजरायल भारत से सीख सकता है.
भारत को मिल रही हार्ड और सॉफ्ट पावर
राजदूत रूवेन अजार ने आगे कहा कि इजरायल एकमात्र यहूदी राज्य हैं. भारत के पास बहुत शक्तिशाली मीडिया आउटलेट हैं, जो अल जज़ीरा, टीआरटी और कई अन्य आउटलेट जैसे अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं. सच्चाई तो ये है कि इजरायल पर्याप्त मात्रा में निवेश ही नहीं कर रहा है, क्योंकि उसका अधिकांश निवेश हार्ड पावर में गया है, सॉफ्ट पावर में नहीं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भारत जिस प्रकार से इन समूहों को चुनौती दे रहा है, उससे भारत को हार्ड और सॉफ्ट पावर मिल रहा है.
‘भारत हमारा सहयोगी है’
वहीं, भारत के साथ इजरायल के संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि “मैं अपने मित्रों को ग्रेड देने के बिजनेस में नहीं हूं. मेरा मानना है कि जब बात हमारे मूल राष्ट्रीय हितों की होती है, तो भारत का काफी सहयोगी रहा है. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हम भारत समेत कई देशों को अपना मतदान पैटर्न बदलते देखना चाहेंगे.
भारत-इजरायल के बीच दोस्ताना रिश्ता
उन्होंने कहा कि मैंने अपने भारतीय मित्रों से कहा कि जब UNRWA की बात आती है, तो हम चाहते हैं कि वे अपनी सहायता को अन्य चैनलों के जरिए जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाएं. इसलिए जो बातचीत कर रहे है, उसे जारी भी रखने जा रहे है. उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल का दोस्ताना रिश्ता है, जिसपर हमें चर्चा जारी रखनी होगी.
गाजा युद्ध विराम पर कही ये बात
इसके अलावा, उन्होंने गाजा युद्ध विराम को लेकर कहा कि बंधक सौदे के लिए बातचीत में कुछ प्रगति हो सकती है. गाजा में इजरायल का एजेंडा हमास की सैन्य क्षमताओं को नष्ट करने के साथ ही यह सुनिश्चित करना भी है कि समूह खुद को फिर से हथियारबंद न कर सके.
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