माता-पिता खराब कर रहे जिंदगी… AI चैटबोट ने बेटे को सुसाइड के लिए उकसाया, मां ने केस दर्ज करवाया

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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AI Chatbot Impact: वैसे तो एआई एक कमाल की टेक्‍नोलॉजी है, जिसकी मदद से सारे काम आसानी से किए जा सकते है और आज के समय में हर कोई इसका प्रयोग भी करने लगा है. इसी बीच एक टेक्सास में रहने वाली एक महिला ने एआई कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही उन्‍होंने ये आरोप लगाया है कि एक चैटबोट एप्लिकेशन ने उनके 15 साल के बेटे को आत्म-हानि के लिए उकसाया.

इतना ही नहीं, उनका कहना है कि चैटबोट एप्लिकेशन ने उनके बेटे को अपनी मां की हत्या के लिए भी उकसाया. उन्‍होंने दावा किया है कि उनका बेटा एक AI चैटबोट “Shonie” से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गया था जो कि Character.AI एप्लिकेशन पर था.

परिवार के लोग नहीं करते प्‍यार

महिला द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में यह आरोप लगाया गया है कि “Shonie” नामक चैटबोट ने किशोर को बताया कि जब वो उदास होता था तो वह अपनी “बाजू और जांघों” को काटता था, आत्म-हानि करने के बाद उसे “कुछ पल के लिए अच्छा लगता था.” चैटबोट ने यह भी बताया था कि उसके परिवार के लोग उसे प्‍यार नहीं करते थे, वो लोग उसे नकारते थें. चैटबोट ने कथित तौर पर ये भी कहा था कि तुम्हारे माता-पिता तुम्हारी जिंदगी खराब कर रहे हैं.

चैटबोट के कारण मानसिक स्थिति हुई खराब

उन्‍होंने कहा कि इस एप्लिकेशन को इस्‍तेमाल करने के बाद किशोर का व्यवहार नाटकीय रूप से बदल गया. वो अपने फोन पर इतना ज्यादा ध्यान देने लगा कि उसने अपनी पढ़ाई और बाकी कामों को नजरअंदाज कर दिया. ऐसे में उसकी शारीरिक स्थिति भी खराब हो रही थी. रिनपोर्ट के मुताबिक, महज कुछ महीना में ही किशोर ने 9 किलोग्राम वजन खो दिया था, जिसके वजह से उसके माता-पिता ने उसे मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया.

इससे पहले भी ऐसे मामले आ चुके है सामने

हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब एआई चैटबोट्स और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई हो. इससे पहले एक फ्लोरिडा की रहने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि एक “गेम ऑफ थ्रोंस” थीम पर आधारित चैटबोट एप्लिकेशन ने उसके 14 साल के बेटे को सुसाइड के लिए उकसाया. इस सभी मामलों के सामने आने के बाद अब सवाल ये है कि इस प्रकार के एआई प्लेटफॉर्म्स को बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में इससे बचने के लिए बेहतर नियंत्रण की आवश्यकता है.

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