MFN Status: फेमस स्विस कंपनी नेस्ले पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद स्विटजरलैंड ने भारत को दिया गया मोस्ट फेवरेट नेशन (MFN) का दर्जा सस्पेंड कर दिया है. स्विट्जरलैंड के इस कदम से यहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक कर लगने के साथ भारत में स्विस निवेश पर असर पड़ने की आशंका है.
स्विट्जरलैंड के वित्त विभाग ने दी जानकारी
स्विट्जरलैंड के वित्त विभाग ने 11 दिसंबर को अपने एक बयान में MFN दर्जा वापस लेने की जानकारी दी. उसने कहा कि यह कदम भारत के सुप्रीम कोर्ट के साल 2023 में आए एक फैसले के संदर्भ में उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी देश के ‘आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन’ (OECD) में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ कर संधि पर हस्ताक्षर किए हैं तो MFN प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता है.
बढ़ जाएगा टैक्स
भारत ने कोलंबिया और लिथुआनिया के साथ कर संधियों पर साइन किए थे, जो कुछ तरह की आय पर कम कर दरें देती थीं. ये दोनों देश बाद में ओईसीडी का हिस्सा बन गए. स्विटजरलैंड ने 2021 में कहा था कि कोलंबिया और लिथुआनिया के ओईसीडी सदस्य बनने का मतलब है कि भारत-स्विट्जरलैंड कर संधि पर MFN प्रावधान के तहत लाभांश पर 5 % की दर ही लागू होगी, न कि समझौते में उल्लिखित 10 % की दर.
हालांकि अब MFN का दर्जा हटने के बाद स्विट्जरलैंड एक जनवरी, 2025 से रिफंड का दावा करने वाले भारतीय कर निवासियों और विदेशी कर क्रेडिट का दावा करने वाले स्विस कर निवासियों के लिए लाभांश पर 10% कर लगाएगा.
स्विट्जरलैंड का हवाला
स्विस वित्त विभाग ने अपने बयान में आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने के लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते के MFN प्रावधान को निलंबित करने का ऐलान किया. स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए पिछले साल नेस्ले से संबंधित एक मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया. डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों के कारोबार में लगी नेस्ले का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे शहर में है.
बयान के अनुसार, नेस्ले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने ने साल 2021 में दोहरे कराधान से बचाव संधि (DTAA) में MFN खंड को ध्यान में रखते हुए बकाया कर दरों के अनुप्रयोग को बरकरार रखा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 अक्टूबर के एक फैसले में इस फैसले को पलट दिया था. स्विस सरकार के इस फैसले पर कर परामर्शदाता नांगिया एंडरसन में कर साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि अब स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय इकाइयों की टैक्स देनदारियां बढ़ सकती हैं.
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