Syria on Israel: असद सरकार के तख्तापलट के बाद इजरायल ने सीरिया में हमला बोल दिया. इजरायली सेना ने सीरिया में एयरफोर्स, एयरफोर्स डिफेंस नेटवर्क और नौसेना को ध्वस्त कर दिया. साथ ही उसने कब्जे वाले गोलान हाइट्स के भीतर तक अपनी सैनिक तैनात कर दी है. वहीं इस हमले को लेकर पहली बार सीरियाई इस्लामी विद्रोह समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता का बयान सामने आया है. विद्रोही नेता ने कहा है कि इजरायल ने हमला कर लाल रेखा पार कर दी है.
इजरायल ने पार की रेड लाइन
सीरियाई टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में विद्रोही समूह के नेता अहमद अल-शराआ ने कहा कि इजरायल के पास अब सीरिया पर एयर स्ट्राइक करने का कोई बहाना नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि सीरिया की जमीन पर हमला कर इजरायल ने रेड लाइन पार कर दी है और क्षेत्र में अनावश्यक तनाव पैदा कर दिया है.
बता दें कि अहमद अल-शराआ को ग्रुप में अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता है. हयात तहरीर अल-शाम ने सीरिया में बशर अल-असद शासन को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जमीन कब्जाने पर क्या बोला इजरायल?
बता दें कि विद्रोहियों की ओर से दमिश्क पर कब्जा करने के कुछ ही घंटे बाद इजरायल ने गोलान हाइट्स पर यूएन के गश्त वाले बफर जोन में एंट्री किया था. हालांकि इजरायल ने कहा कि वह सीरिया में संघर्ष में शामिल नहीं होगा. इजरायल ने कहा कि 1974 में स्थापित बफर जोन पर एंट्री एक रक्षात्मक कदम है. जब तक सीमा सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती, तब तक अस्थाई रूप से कब्जा रहेगा.
पीएम नेतन्याहू ने दी सफाई
इजरायल पीएम नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में सीरिया पर हमलों को लेकर सफाई दी. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायली सुरक्षा बलों ने असद शासन के छोड़े गए सैन्य ठिकानों पर हमला किया ताकि वह आतंकी गुटों के हाथ न लग पाए. पीएम नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल नए शासन के साथ संबंध बनाने के लिए तैयार है.
सीरिया नहीं लड़ेगा युद्ध
वहीं अहमद अल-शराआ ने पीएम नेतन्याहू की चिंताओं को लेकर कहा कि सीरिया लंबे गृहयुद्ध से थका हुआ है. फिलहाल किसी ऐसे तनाव में नहीं उलझेगा, जिससे और भी ज्यादा विनाश हो. अहमद अल शराआ ने कहा कि सीरिया का प्रमुख लक्ष्य पुनर्निर्माण और स्थिरता है. उन्होंने ईरान की सीरिया में उपस्थिति को क्षेत्र के लिए खतरा बताया.
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