रिन्यूएबल एनर्जी में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत, अप्रैल-नवंबर के बीच दोगुनी होकर 15 गीगावाट हुई कैपेसिटी

Raginee Rai
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Renewable Energy Sector: देश में सरकार की ओर से ग्रीन एनर्जी पर जोर देने का असर दिखने लगा है. भारत रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है. देश में लगातार रिन्यूएबल एनर्जी की कैपेसिटी में इजाफा हो रहा है.

मंगलवार को इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-नवंबर अवधि में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी सालाना आधार पर करीब दोगुना होकर 15 गीगावाट हो गई. यह 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है.

प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी सोच का परिणाम

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन एवं प्रदर्शनी 2024 में प्रहलाद जोशी ने कहा कि वास्तव में पिछले एक दशक में पीएम नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक असाधारण रास्ता तैयार किया है. आज स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत दुनिया के सबसे बेहतरीन देशों में से एक है.

जोशी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत ने करीब 15 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ी है, जो पिछले साल इसी अवधि में जोड़ी गई 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुना है. मौजूदा समय में भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन क्षेत्र की कुल स्थापित क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले साल इसी माह के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक है.

एनर्जी सेक्टर में आ रहा बड़ा बदलाव 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पूरे ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव ला रही है. यह परिवर्तन इस दृढ़ विश्वास से प्रेरित है कि साल 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य टिकाऊ तथा हरित विकास से जुड़ा हुआ है. इस बदलाव का खाका महत्वाकांक्षी है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. उन्‍होंने बताया कि पिछले माह ही 2.3 गीगावाट की नई कैपेसिटी जोड़ी गई जिसका मतलब है कि नवंबर 2023 में जोड़े गए 566.06 मेगावाट से चार गुना बढ़ोत्‍तरी.

बदलाव सपना नहीं, हकीकत 

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने जोर देते हुए कहा, तो हां, यह बदलाव केवल एक सपना नहीं है, यह वास्तव में हो रहा है. सौर पैनल व मॉड्यूल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 24 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) योजना शुरू की गई है. जोशी ने बताया कि हम 2025-26 तक 38 गीगावाट की संचयी क्षमता वाले 50 सोलर पार्क स्थापित करने की प्रक्रिया में भी हैं.

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