Russia: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को कोई भी देश मान्यता नहीं देता है, मगर रूस ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल रूस की संसद में एक ऐसा कानून पास किया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि तालिबान को आतंकवाद की लिस्ट से हटाया जा सकता है. यह कानून उन संगठनों से बैन हटाने की इजाजत देगा जिन्हें आतंकवाद की लिस्ट में रखा गया है.
स्टेट ड्यूमा में नया कानून पास
संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा में पास हुए नए कानून ने मास्को के लिए अफगान तालिबान और संभावित रूप से सीरिया के नए नेतृत्व के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए एक अवसर प्रदान किया है.
इस कानून के तहत रूस के अभियोजक जनरल अदालत में अर्जी दाखिल कर सकते हैं कि किसी प्रतिबंधित समूह ने अपनी आतंकवादी गतिविधियां बंद कर दी है. जिसके बाद जज फैसला कर सकते हैं कि ग्रुप को आतंकवाद की लिस्ट से हटाया जाए या नहीं.
एचटीएस को भी लिस्ट से बाहर करने की प्लानिंग
रूस में सीरिया के विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को मॉस्को की प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों की लिस्ट से बाहर करने की मांग भी की जा रही है. अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों संगठनों को लिस्ट से हटाकर रूस संबंध बनाएगा. अफगानिस्तान और सीरिया में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के लिए रूस के पास ये एकलौता रास्ता बचा है.
कब से बैन हैं ये संगठन?
बता दें कि तालिबान को फरवरी 2003 में आतंकवाद की सूची में रखा गया था. वहीं सीरिया के हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को 2020 में इस लिस्ट में शामिल किया गया था. अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों संगठनों को लिस्ट से निकाल रूस संबंध बनाएगा.
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