Nicolas Sarkozy: फ्रांस के सर्वोच्च न्यायालय ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ ने पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी को भ्रष्टाचार और प्रभावों के दुरुपयोग के के मामले में दोषसिद्धि करते हुए उनकी एक साल की सजा को बरकरार रखा है. अदालत ने बुधवार को इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि सजा और दोष अब अंतिम है.
कोर्ट द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उनके पास घर पर नजरबंदी में रखने की मांग करने का अधिकार है, जिस दौरान उन्हें ‘इलेक्ट्रॉनिक ब्रेसलेट’ लगाया जाएगा. बता दें कि ऐसा दो वर्ष या उससे कम की सजा वाले मामलों में होता है.
2007 से 2012 तक रहे फ्रांस के राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे थे. सारकोजी साल 2021 में पेरिस की एक अदालत और 2023 में एक अपील अदालत द्वारा भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए गए थे. उन्होंने एक कानूनी मामले के बारे में जानकारी के बदले में मजिस्ट्रेट को रिश्वत देने की कोशिश की थी. फ्रांस के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को उसके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों के लिए दोषी ठहराया गया है और कारावास की सजा सुनाई गई है.
सरकोजी ने खुद को बताया बेगुनाह
वहीं, निकोलस सारकोजी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपने एक बयान में कहा है कि “मैं अपनी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और सभी परिणामों का सामना करूंगा. मेरा शिकायत करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन मैं अपने साथ हुए घोर अन्याय को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं.” उन्होंने कहा कि वो इस मामले को यूरापीय मानवाधिकार न्यायालय में ले जाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि वो बेकसूर हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सारकोजी कई अन्य कानूनी मामलों में भी शामिल रहे हैं, लेकिन उन्होंने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है.
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