UK news: यूके की एक अदालत ने ऑस्ट्रेलिया के कंप्यूटर साइंटिस्ट क्रेग राइट को सजा सुनाई है. दरअसल, क्रेग राइट ने दावा किया था कि उन्होंने ही बिटकॉइन का अविष्कार किया था. कोर्ट ने इस दावे को खारिज करते हुए राइट को 12 महीने जेल की सजा सुना दी है. बता दें कि उन्हें लोग सातोशी नाकामोटो के नाम से जानते हैं.
कोर्ट ने अवमानना के लिए सजा सुनाते हुए कहा कि क्रेग राइट को अब खुद के सातोशी नाकामोटो होने का दावा भी बंद करना होगा. अदालत ने कहा कि क्रेग राइट पहले भी कई बार कोर्ट की अवहेलना की है.
जेल जा सकते हैं क्रेग राइट
जज जेम्स मेलर ने राइट को अवमानना के 5 मामलों में दोषी करार देते हुए उनके बार-बार झूठ बोलने के मामले में दोषी बताया है. इसके लिए कोर्ट ने क्रेग को 12 महीने की सजा के साथ ही खुद के बिटकॉइन निर्माता होने का दावा बंद करने को कहा है. इस सजा के साथ, यदि कंप्यूटर साइंटिस्ट राइट अगले दो सालों में कोई गलती करते हैं, तो वे जेल की सजा काट सकते हैं.
हिरासत में लेने के लिए चाहिए इंटरनेशनल वारंट
अदालत में सुनवाई के दौरान क्रेग राइट वीडियो लिंक के जरिए जुड़े. क्रेग ने अदालत में यह बताने से इंकार कर दिया कि वह कहां रहते हैं. उन्होंने कहा कि वह एशिया में रहते हैं. इससे स्पष्टहै कि यदि ब्रिटेन के अधिकारी उसे हिरासत में लेना चाहते हैं तो इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट जारी करना पड़ेगा. हालांकि क्रेग राइट आस्ट्रेलिया के नागरिक हैं और कई सालों से यूके में रह रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
साल 2016 में क्रेग राइट ने दावा किया था कि वो बिटकॉइन के संस्थापक सातोशी नाकामोटो है. वह शख्स जिसने दुनिया की पहली और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किया था. हालांकि, राइट अपने दावे के लिए ठोस सबूत देने में विफल रहे. जिसे क्रिप्टोकरेंसी दुनिया ने उसे काफी हद तक अनदेखा कर दिया था.
क्रेग राइट ने खुद को साबित करने के लिए कई कंपनियों पर मुकदमा दायर किया, जिसने कभी क्रिप्ट्रो को चुनौती दी थी. जिसके वजह से कई कंपनियों ने एक होकर कोर्ट का रास्ता चुना. कोर्ट ने कहा था कि क्रेग राइट ने अपने इस झूठे दावे को सही साबित करने के लिए कई बड़े झूठ बोले हैं. बता दें कि क्रेग राइट उन कई लोगों में से एक हैं, जिनकी पहचान स्वयं या तो दूसरों की ओर से सातोशी के रूप में की गई है.
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