France: फ्रांस की आतंकवाद रोधी अदालत ने एक शिक्षक का सिर धड़ से अलग करने के आरोप में आठ लोगों को दोषी करार किया है. दरअसल, 4 साल पहले 16 अक्टूबर को सैमुअल पैटी नामक शिक्षक का पेरिस के पास स्थित उनके स्कूल के बार ही सिर कलम करके हत्या कर दी गई थी, जिससे जानने के बाद सभी की रूह कांप गई. शिक्षक की हत्या इस्लामी चरमपंथियों ने की थी.
बता दें कि साल 2020 में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा हत्या किए जाने से कुछ दिदन पहले ही पैटी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक चर्चा के दौरान अपनी कक्षा में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे.
पुलिस कार्रवाई में मारा गया हमलावर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर चेचन मूल का 18 वर्षीय रूसी था, जो पुलिस के कार्रवाई में मारा गया था. वहीं, इस मामले में पेरिस के एक विशेष अदालत में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया. इस दोरान आरोपियों पर कुछ मामलों में अपराधी को सहायता प्रदान करने और हत्या से पहले ऑनलाइन घृणा अभियान चलाने का आरोप लगाया गया. वहीं, इस मामले में फैसला सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थें.
2 अपराधियों को मिली 16 साल की सजा
वहीं, हमलावर के दोस्त 22 वर्षीय नैम बौदाउद और 23 वर्षीय अजीम एप्सिरखानोव को भी हत्या में मिलीभगत का दोषी पाया गया और कोर्ट ने उन्हें भी 16-16 साल की सजा सुनाई. दरअसल बौदाउद पर हमलावर को स्कूल तक ले जाने का आरोप था, जबकि एप्सिरखानोव ने उसे हथियार खरीदने में मदद की थी. वहीं, इनके अलावा एक अन्य आरोपी ब्राहिम चनीना (52) भी है, जो उस स्कूली छात्रा का मुस्लिम पिता है, जिसके झूठ के कारण पैटी की मौत हुई थी.
ब्राहिम की बेटी बनी गवाह
ऐसे में ब्राहिम को आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के आरोप में 13 साल की सजा सुनाई गई. जबकि मुस्लिम धर्म प्रचारक अब्देलहकीम सेफ्रीउई को पैटी के खिलाफ ऑनलाइन घृणा अभियान चलाने के लिए 15 साल की सजा दी गई. बता दें कि पैटी की हत्या के समय ब्राहिम की बेटी 13 साल की थी, जिसने दावा किया था कि जब पांच अक्टूबर 2020 को पैटी ने कार्टून दिखाए तो उसे उनकी कक्षा से बाहर कर दिया गया था.
ब्राहिम की 13 वर्षीय बेटी ने बोला झूठ
इस दौरान ब्राहिम ने पैटी की निंदा करते हुए अपने जानकारों को कई संदेश भेजे. संदेश में कहा गया कि पैटी को नौकरी से निकाल दिया जाना चाहिए, इस दौरान पैटी के स्कूल का पता भी भेजा जबकि हकीकत यह थी कि ब्राहिम की बेटी ने उससे झूठ बोला था. जिस कक्षा में कार्टून दिखाए गए थे वह उसमें गई ही नहीं थी. हालांकि पैटी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में पढ़ा रहे थे.
इस मामले में उन्होंने कार्टून पर चर्चा करते हुए कहा था कि जो छात्र उन्हें नहीं देखना चाहते हैं वे कुछ देर के लिए कक्षा से बाहर जा सकते हैं. इसके बाद पैटी के खिलाफ एक ऑनलाइन अभियान चलाया गया और 11 दिन बाद अब्दुल्लाख अबूयेजिदोविच अंजोरोव ने शिक्षक का सिर काट दिया था.
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