Bangladesh: लोगों को जबरन गायब कराने में भारत का हाथ… यूनुस सरकार का बेबुनियाद आरोप

Raginee Rai
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Bangladesh: बांग्‍लादेश में अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले रोक पाने में नाकाम यूनुस सरकार भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रही है. इसी बीच फिर यूनुस सरकार ने भारत पर आरोप लगाया है. अंतरिम सरकार की ओर से बनाए गए आयोग ने आरोप लगाया है कि पूर्व पीएम शेख हसीना के शासनकाल के दौरान जबरन गायब किए जाने की घटनाओं में भारत का भी भूमिका रही है.

लोगों को गायब करने में भारत शामिल

सरकारी न्‍यूज एजेंसी बीएसएस ने शनिवार को आयोग की रिपोर्ट का हवाले देते हुए कहा कि बांग्लादेश के जबरन गायब किए जाने के मामलों में भारत की संलिप्तता सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज मैनुल इस्लाम चौधरी की अध्यक्षता वाले 5 सदस्यीय आयोग का मानना है कि कुछ बंदी अभी भी भारत के जेलों में हो सकते हैं.

भारत में बंद अ‍पने लोगों की करें पहचान…

बांग्‍लादेशी आयोग ने कहा कि हम विदेश और गृह मंत्रालयों को सलाह देते हैं कि वे भारत में अभी भी बंद बांग्लादेशी नागरिक की पहचान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कोशिश करें. आयोग के लिए बांग्लादेश के बाहर इस मामले की जांच करना संभव नहीं है. आयोग ने दोनों देशों के बीच बंदी विनिमय की प्रक्रिया और बंदियों के संभावित भविष्य के बारे में खुफिया जानकारी पाई.

आयोग के पास खुफिया जानकारी

आयोग के मुताबिक, उन्हें कैदियों को भारत में होने और जबरन गायब किए जाने वाली घटनाओं में भारतीय एजेंसियों के जुड़े होने की खुफिया जानकारी प्राप्‍त हुई है. आयोग ने दो पॉपूलर मामलों का हवाला दिया, जो इस बात के गवाह हैं कि इस तरह के ऑपरेशन कैसे किए गए थे.

जांच समिति ने बताया कि एक मामला सुखरंजन बाली का था, जिसे बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट परिसर से अगवा किया गया था. बाद में बाली भारतीय जेल में पाया गया. दूसरा मामला बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता सलाहुद्दीन अहमद का है.

इतने लोगों को जबरन किया गया गायब

पिछले हफ्ते पांच सदस्यीय जांच समिति ने मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को ‘अनफोल्डिंग द ट्रूथ (Unfolding The Truth)’ शीर्षक से एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि 3500 से अधिक लोग जबरन गायब किए गए हैं. आयोग में न्यायमूर्ति फरीद अहमद शिबली, मानवाधिकार कार्यकर्ता नूर खान, निजी BRAC यूनिवर्सिटी की शिक्षिका नबीला इदरीस और मानवाधिकार कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन शामिल हैं.

बता दें कि बांग्‍लादेश में हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से देश में भारत विरोध खबरें आम हो चुकी हैं. हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. अंतरिम सरकार के नेता भारत विरोधी बयान देने से बाज नहीं आ रहे.

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