SEBI Exposed Big Scam: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के इक्विटी डीलर सचिन बकुल दगली और आठ अन्य इकाइयों की मिलीभगत से चल रही एक ‘फ्रंट-रनिंग’ योजना का भंडाफोड़ किया है. इस योजना के जरिए इन लोगों ने 21.16 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया. बता दें कि ‘फ्रंट रनिंग’ से तात्पर्य अग्रिम सूचना के आधार पर स्टॉक मार्केट में लेन-देन करना और लाभ कमाना है, जबकि यह सूचना ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होती.
सेबी ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए सचिन बकुल दगली और आठ अन्य इकाइयों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया. साथ ही उनके द्वारा अर्जित अवैध लाभ को भी जब्त कर लिया. इन संस्थानों द्वारा फ्रंट-रनिंग तीन साल से अधिक समय तक जारी रही.
SEBI की जांच में दोषी पाया गया
सेबी ने कुछ इकाइयों द्वारा बड़े ग्राहकों के पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के लेन-देन में संदिग्ध ‘फ्रंट रनिंग’ की जांच की थी. जांच का उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या संदिग्ध इकाईयों ने डीलरों और/या कोष प्रबंधकों समेत अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके बड़े ग्राहकों के लेन-देन में फ्रंट रनिंग की थी. इस तरह इन लोगों ने सेबी के PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) नियमों और सेबी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया था.
गोपनीय जानकारी का लेन देन में इस्तेमाल
नियामक ने पाया कि सचिन बकुल दगली, जो पीएनबी मेटलाइफ के इक्विटी डीलर थे, उनके भाई तेजस दगली ने पीएनबी मेटलाइफ और इन्वेस्टेक के संस्थागत ग्राहकों के आगामी ऑर्डर के बारे में गोपनीय, गैर-सार्वजनिक जानकारी हासिल की.
उन्होंने इस जानकारी का इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया. इसे संदीप शंभरकर के साथ शेयर किया, जिसने धनमाता रियल्टी प्राइवेट लि.(डीआरपीएल), वर्थी डिस्ट्रिब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूडीपीएल) और प्रग्नेश संघवी के खातों के माध्यम से ये फ्रंट रनिंग गतिविधियों को अंजाम दिया.
6,766 फ्रंट रनिंग के मामले
इस योजना का फायदा डीआरपीएल और डब्ल्यूडीपीएल के निदेशक, जिनमें अर्पण कीर्तिकुमार शाह, कविता साहा और जिग्नेश निकुलभाई दभी शामिल हैं, ने उठाया. इस लोगों ने सेबी अधिनियम और धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार (पीएफयूटीपी) विनियमों का उल्लंघन करते हुए एक धोखाधड़ी वाली फ्रंट-रनिंग योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए मिलीभगत की. इससे उन लोगों ने अवैध लाभ कमाया.
अवैध लाभ 21 करोड़ से अधिक
सेबी ने बताया कि डीआरपीएल, डब्ल्यूडीपीएल और प्रग्नेश संघवी के खातों के माध्यम से 6,766 ऐसे फ्रंट रनिंग केस सामने आए. इन इकाइयों ने इससे 21,15,78,005 का अवैध लाभ कमाया. इन इकाईयों के खिलाफ सेबी ने सख्त कार्रवाई करते हुए अगले आदेश तक शेयरों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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