Pooja Khedkar Case: पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूजा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. मालूम हो कि पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से पूजा खेडकर पर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है.
न्यायमूर्ति चंदर धारी सिंह की पीठ ने 27 नवंबर 2024 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इस बीच, अदालत ने अंतिम निर्णय होने तक खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. खेडकर ने अधिवक्ता बीना माधवन के माध्यम से कहा गया कि वह जांच में सहयोग करने को तैयार हैं और उन्होंने प्रस्तुत किया कि हिरासत में पूछताछ आवश्यक नहीं है.
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट संजीव भंडारी के माध्यम से अदालत को सूचित किया कि जांच जारी है, और बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही कहा कि साजिश के कुछ पहलुओं की अभी भी जांच की जानी चाहिए.
पूजा ने पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. बाद में 2021 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा 841 वीं रैंक के साथ उत्तीर्ण की. ट्रेनिंग के बाद इसी वर्ष जून 2024 में उन्हें पुणे कलेक्टर आफिस में पहली नियुक्ति मिली. हालांकि, पहली ही नियुक्ति में ट्रेनिंग के दौरान उन पर जांच बैठ गई और इसी बीच उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
पूजा पर आरोप है कि दफ्तर ज्वाइन करने से पहले ही उन्होंने अनुचित मांगे शुरू कर दी. कलेक्ट्रेट के कई अफसरों ने इस संबंध में कलेक्टर के पास लिखित शिकायत दी है. जिसके बाद पुणे के डीएम सुहास दिवसे ने मुख्य सचिव से उनकी शिकायत की.