PM Modi in Khajuraho: भारत के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का आज जन्म दिवस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके जन्म दिवस के खास मौके पर खुजराहो में देश की पहली केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करेंगे. यह परियोजना भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस परियोजना से न सिर्फ एमपी, बल्कि यूपी के लोगों को भी जल संकट से राहत मिलेगा. पीएम मोदी बुधवार को दोपहर 12.10 बजे खजुराहो पहुंचेंगे और दोपहर 2.20 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
खजुराहो के मेला मैदान पर होने वाले आयोजन में एमपी के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी उपस्थित रहेंगे. परियोजना के मूर्तरूप लेने पर बुंदेलखंड को जल संकट से छुटकारा मिलेगा, रोजगार के लिए हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी.
अटल जी की स्मृति में टिकट और सिक्का भी जारी होगा
पीएम मोदी देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन भी करेंगे. वह अटल जी की स्मृति में टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे.
बता दें, केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है. 44,605 करोड़ की परियोजना से पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा व 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध और दो टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घनमीटर जल का भंडारण किया जाएगा.
इन जिलों को होगा फायदा
‘केन-बेतवा लिंक परियोजना’ के तहत छतरपुर जिले के खजुराहो से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर दौधन गांव में केन नदी पर बांध बनाया जाएगा. इस परियोजना का फायदा छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिले को होगा. वहीं, उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, बांदा और ललितपुर को भी फायदा मिलेगा. इस परियोजना के पूरा होने पर 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, बुंदेलखंड में आने वाले यूपी के 2 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या से राहत मिलेगी.
21 लाख आबादी को पेयजल की मिल सकेगी सुविधा
वहीं, यूपी के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा. एमपी की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिल सकेगी. परियोजना मध्यप्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर निर्मित की जा रही है.
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