भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश प्रवाह 2024 के दौरान 4.3 बिलियन डॉलर रहा, जो साल-दर-साल 10% की वृद्धि दर्शाता है. वैश्विक संपत्ति परामर्श फर्म सैविल्स इंडिया के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में निवेश गतिविधि में विदेशी संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 88% था. जो रियल एस्टेट क्षेत्र में उनकी प्रमुख भूमिका को दर्शाता है. भले ही 2024 में वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, उच्च मुद्रास्फीति और मंदी की चिंताएं बनी रहीं, लेकिन भारतीय रियल एस्टेट बाजार में प्राइवेट इक्विटी निवेश मजबूत बना रहा. यह स्थिति वैश्विक और घरेलू निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करती रही
औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स सेक्टर बना सबसे बड़ा आकर्षण
औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स सेक्टर ने 2024 में 2.3 बिलियन डॉलर (करीब 194 अरब रुपये) का निवेश आकर्षित किया, जो कुल निवेश का 54 प्रतिशत हिस्सा रहा. वहीं, ऑफिस सेक्टर ने निवेश में गिरावट देखी, लेकिन फिर भी कार्यालय स्पेस की बढ़ती मांग और कर्मचारियों की कार्यस्थलों पर वापसी के कारण यह क्षेत्र टिकाऊ बना रहा. रेसिडेंशियल सेक्टर ने भी प्रीमियम हाउसिंग की बढ़ती मांग के चलते निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया. इसके अलावा, डेटा सेंटर और लाइफ साइंसेज जैसे वैकल्पिक क्षेत्र भी तेजी से उभर रहे हैं.
2025 में और बढ़ सकता है निवेश
सैविल्स इंडिया ने अनुमान लगाया है कि 2025 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी निवेश 4.5 बिलियन डॉलर से 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. हालांकि, सीमित निवेश योग्य संपत्तियों के कारण ऑफिस सेक्टर में निवेश की गति धीमी रह सकती है. इसके विपरीत, लाइफ साइंसेज और डेटा सेंटर जैसे वैकल्पिक क्षेत्रों में तेजी देखने को मिल सकती है. औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए भारत का उभरता हुआ वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब बनने का महत्व निवेशकों को आकर्षित कर रहा है. साथ ही, ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) के उदय से निवेश परिदृश्य में संरचनात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
क्या बोले विशेषज्ञ?
सैविल्स इंडिया के रिसर्च एंड कंसल्टिंग के प्रबंध निदेशक अरविंद नंदन ने कहा, “नवीनतम रुझान भारत को एक आपूर्ति श्रृंखला केंद्र के रूप में उभरता हुआ दिखाते हैं, जिससे औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी का प्रवाह बढ़ रहा है. वहीं, प्रीमियम हाउसिंग की मांग ने आवासीय क्षेत्र को भी एक प्रमुख निवेश विकल्प बना दिया है. आगे चलकर, हमें विदेशी संस्थागत निवेशकों के प्रभुत्व के साथ प्राइवेट इक्विटी प्रवाह में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) का बढ़ता उपयोग निवेश के परिदृश्य को और मजबूत करेगा.” 2024 ने दिखाया कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार में निवेशकों का भरोसा और दिलचस्पी लगातार बनी हुई है. आने वाले समय में, वैकल्पिक क्षेत्रों और लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के और बढ़ने की संभावना है.